देश में कोच-बैंक तैयार करेगा खेल मंत्रालय: राज्यवर्धन सिंह राठौड़

नई दिल्ली: जमीनी स्तर पर अलग-अलग खेलों के कोच को बेहतर प्रशिक्षण और पहचान देने की कवायद में खेल मंत्रालय अब अलग-अलग स्तर पर कोच या प्रशिक्षक का बैंक तैयार करेगा जिनका सर्टिफिकेशन अंतरराष्ट्रीय एजेंसी के जरिये मंत्रालय स्वयं करेगा. खेलमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने भाषा से बातचीत में कहा कि हम जमीनी स्तर पर प्रशिक्षकों के विकास के लिये कोच-बैंक बनाएंगे. इसमें कोच का वर्गीकरण किया जायेगा मसलन ग्रासरूट कोच, डेवलपमेंटल कोच जिनका सर्टिफिकेशन अंतरराष्ट्रीय एजेंसी के जरिए हम करेंगे.

उन्होंने कहा कि इसके तहत विशेष ट्रेनर्स को पहले तैयार किया जाएगा जो जमीनी स्तर पर प्रशिक्षण देंगे. बैंक आफ कोचेस में आना इन कोच के लिये आईएसआई मार्क की तरह हो जाएगा. इससे माता-पिता, स्कूलों और उस स्तर पर इनकी सेवायें लेने वालों में इनकी विश्वसनीयता बढ़ेगी.

ओलंपिक रजत पदक विजेता रहे राठौड़ ने कहा कि कोच की बेसिक जानकारी वेबसाइट पर होगी और हर छह महीने में अपडेट होगा कि आखिरी रिफ्रेशर कोर्स उन्होंने कब किया. उन्होंने बताया कि कौशल विकास मंत्रालय को भी इस परियोजना से जोड़ा जा रहा है और अगले चार-पांच महीने में इसे बड़े पैमाने पर लांच किया जाएगा.

उन्होंने कहा, इसके लिये पाठ्यक्रम बनाना जरूरी है. विदेशी एजेंसी का भी चयन होगा. अभी हमने प्रस्ताव दिये हुए हैं और अगले चार पांच महीने में इसे लांच करने का विचार है. राठौड़ ने कहा कि खिलाड़ियों के साथ कोच के भी विकास की जरूरत को देखते हुए यह कदम उठाया गया है .

उन्होंने कहा, भारत में अभी तक कोच के विकास का कोई कार्यक्रम नहीं है. विदेशी कोच के करार में लिखा होता है कि वे भारतीय कोच को भी ट्रेनिंग देंगे लेकिन ऐसा होता नहीं है. अब हमने अनिवार्य कर दिया है कि विदेशी कोच दो भारतीय कोच को साथ रखेंगे. चीन में यह होता है.

इससे पहले राठौड़ ने अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों के शुरूआती कोच को भी प्रोत्साहन राशि में हिस्सा देने का ऐलान किया था. उन्होंने कहा, अभी तक कोई खिलाड़ी पदक जीतता था तो पुरस्कार राशि उसके मौजूदा कोच को ही मिलती थी लेकिन अब 50 फीसदी राशि मौजूदा कोच को, 30 प्रतिशत डेवलपमेंटल कोच को और 20 प्रतिशत ग्रासरूट कोच को दी जायेगी.

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