कनाडा के प्रधानमंत्री के बदले सुर, कहा अटवाल के न्यौते के लिए भारत सरकार जिम्मेदार

नई दिल्ली. कनाडा पहुंचते ही प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के सुर बदल गए हैं. दरअसल कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के भारत दौरे के दौरान खालिस्तान समर्थक जसपाल अटवाल की मौजूदगी को लेकर वहां के विपक्षी सासंदों ने जमकर हंगामा किया. इस दौरान जवाब देते हुए कनाडाई प्रधानमंत्री ने कहा कि इस भारी भूल के लिए भारत सरकार जिम्मेदार है. भारत में सप्ताह भर बिताने के बाद ट्रूडो कनाडा में पहली बार विपक्ष के सवालों का जवाब संसद में दे रहे थे. विपक्षी सासंदों ने उनके कार्यक्रम में अटवाल की मौजूदगी को लेकर कड़ी आपत्ति दर्ज की थी.

अटवाल की मौजूदगी का इंतजाम भारत सरकार के ही लोगों ने किया

समाचार एजेंसी के मुताबिक, कनाडा के प्रधानमंत्री दफ्तर की तरफ से इस दौरे को लेकर एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘अटवाल की मौजूदगी का इंतजाम भारत सरकार के ही कुछ लोगों की ओर से किया गया था. कुछ ऐसे लोग हैं जो भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ऐसे मुल्क के राष्ट्र प्रमुख के साथ ज्यादा आत्मीय नहीं होने देना चाहते, जिनके बारे में उनका मानना है कि वह (ट्रूडो) एकीकृत अखंड भारत के विचार में विश्वास नहीं रखते.’ दूसरी तरफ विपक्षी नेता आसानी से इस मुद्दे को छोड़ने के मूड में नजर नहीं आ रहे हैं. कंजर्वेटिव पार्टी के नेता एंड्रयू शीर ने कहा, ‘प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो क्या सदन को बताएंगे कि यह भयंकर भूल कैसे हुई.

मुंबई में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए दिया गया था निमंत्रण 

बता दें कि भारत दौरे के बीच जस्टिन ट्रूडो के सम्मान में मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में कथित खालिस्तानी समर्थक आतंकी जपाल अटवाल को निमंत्रण दिया गया, हालांकि बाद में निमंत्रण को रदद कर दिया गया था. इस दौरान मामला इतना बढ़ा कि इस विवाद पर खुद कनाडा के पीएम ट्रूडो ने सफाई दी थी. जसपाल अटवाल ने 1986 में वैंकूवर आईलैंड में पंजाब के कैबिनेट मंत्री मलकियत सिंह सिद्धू पर जानलेवा हमला किया था. इस मामले में उसे दोषी भी ठहराया जा चुका है.

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