वो 12 बकाएदार, जिन पर होने वाली है कार्रवाई

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के डूबत कर्ज का बड़ा हिस्सा कॉर्पोरेट क्षेत्र के पास जो करीब 7.34 लाख करोड़ रु. है. नए इन्सॉलवेंसी ऐंड बैंकरप्सी कोड को डूबत कर्ज के मामले में पूरी तरह सफाई के लिए लाया गया है. पहली बार भारतीय कंपनियों पर अपान हिसाब-किताब दुरुस्त करके बैंको का कर्ज चुकाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. 12 बड़े गबनकर्ताओं (डिफॉल्टर) को कर्ज चुकाने की दी गई मियाद कुछ समय में पूरी हो जाएगी. तब इन्सॉलवेंसी ऐंड बैंकरप्सी कोड (आइबीसी) की मदद से कर्ज के इस खेल का पासा पलटता दिखेगा. 

यह रही उन 12 बकाएदारों की फेहरिस्त, जो अप्रैल 2018 के बाद या तो कर्ज अदा करेंगे या फिर इन्सॉलवेंसी ऐंड बैंकरप्सी कोड के तहत कार्रवाई को झेलने को मजबूर होंगे. 

1. टेक्सटाइल्स कंपनी  आलोक इंडस्ट्रीज पर  29,912 करोड़ रु. का कर्ज है. कंपनी ने दावे की रकम मंजूर की, और 14 अप्रैल 2018 तक की तिथि 180 दिन की मियाद के बाद 90 दिन की मोहलत खत्म होने की तिथि है. 

2. ऑटो कंपोनेंट बनाने वाली एमटेक ऑटो पर 12,586 करोड़ रु. का कर्ज है. चुकाने की आखिरी तारीख 20 अप्रैल 2018 है.

3.जहाज निर्माण की कंपनी एबीजी शिपयार्ड पर 18,539 करोड़ रु.का कर्ज है. उसे 28 अप्रैल 2018 तक कर्ज चुकाना है.

4. इस्पात कंपनी भूषण स्टील पर 55,989 करोड़ रु. का कर्ज है और वह उसे चुकाने की प्रक्रिया में है.

5. स्टील और बिजली उत्पादन में लगी भूषण पावर ऐंड स्टील पर 48,524 करोड़ रु का कर्ज है. उसे यह कर्ज 22 अप्रैल 2018 तक चुकाना है.

6. इलेक्ट्रोस्टील स्टील्स भी स्टील बनाती है. उस पर 13,302 करोड़ रु. का कर्ज है. चुकाने की आखिरी तारीख 17 अप्रैल 2018 है.

7. एक अन्य इस्पात कपनी एस्सार स्टील पर 50,778 करोड़ रु. का  ऋण है.  29 अप्रैल 2018 तक चुकाना है.

 8. ज्योति स्ट्रक्चर्स, बिजली पारेषण की कंपनी है. उस पर 8,078 करोड़ रु. का कर्ज है. अदा करने की तारीख 31 मार्च 2018 है. 

9. जेपी इन्फ्राटेक, इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की कंपनी है. कर्ज की रकम 13,322 करोड़ रु. है. अदा करने की आखिरी तारीख 4 मई 2018 है.

10. लैंको इन्फ्राटेक बिजली का उत्पादन करने की वाली कंपनी है. कुल कर्ज 59,505 करोड़ रु. है.  3 मई 2018 तक अदा करना है.

11. मोनेट इस्पात ऐंड एनर्जी स्टील कंपनी है. कुल कर्ज 10,412 करोड़ रु. है और 13 अप्रैल 2018 तक अदा करना है. 

12. इरा इन्फ्रा इंजीनियरिंग भी गबनकर्ताओं की सूची में शामिल है. कंपनी ने कॉर्पोरेट इन्सॉलवेंसी प्रक्रिया को अभी मंजूर नहीं किया है. 

इस पूरी प्रक्रिया की कामयाबी इस पर निर्भर करेगी कि क्या कदम उठाए जा रहे हैं.  इसकी परीक्षा 13 अप्रैल से शुरू होगी जब मोनेट इस्पात ऐंड एनर्जी लिमिटेड को दी गई मियाद खत्म हो रही है. करदाताओँ का तीन लाख करोड़ रु. से अधिक दांव पर है जिसे बैंको से कर्ज के रूप में इन बारह बड़े कर्जदारों ने दबा रखा है.

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