डोनाल्ड ट्रंप के बयान के बाद आग बबूला हुआ पाकिस्तान, मंत्री ने दिया बड़ा बयान

इस्लामाबाद: पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने सोमवार को कहा कि उनके देश के विरुद्ध अमेरिका के राष्ट्रपति की तीखी टिप्पणी उन पाकिस्तानी नेताओं के लिए सबक होनी चाहिए जिन्होंने 9/11 के बाद अमेरिका का तुष्टिकरण किया. मजारी का बयान ऐसे समय में आया है जब ट्रंप ने पाकिस्तान को लाखों डॉलर की सैन्य सहायता रोकने के अपने प्रशासन के फैसले का बचाव किया. ट्रंप ने कहा कि पाकिस्तान ने अमेरिका के लिए कुछ नहीं किया और उसकी सरकार ने अलकायदा नेता ओसामा बिन लादेन को अपने छावनी शहर के समीप छिपने में मदद की.

मंत्री ने अपने ट्वीटों में कहा कि चीन हो या ईरान, ‘‘अलग-थलग करो और घेरो’’ की अमेरिकी नीति पाकिस्तान के सामरिक हितों से मेल नहीं खाती है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ट्रंप द्वारा पाकिस्तान की निंदा और उनका यह दावा कि पाकिस्तान ने अमेरिका के लिए कुछ नहीं किया, पाकिस्तान में उन लोगों के लिए सबक होनी चाहिए जो खासकर 9/11 के बाद अमेरिका का तुष्टिकरण करते रहे.

प्रत्यर्पण, आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका की लड़ाई में पाकिस्तानी नागरिकों की मौत, रेमंड डेविस एवं अन्य एजेंटों को छूट आदि आदि. ’’ उन्होंने लिखा, ‘‘ड्रोन हमलों में अवैध हत्याएं, सूची अंतहीन है लेकिन इतिहास एक बार फिर दर्शाता है कि तुष्टिकरण काम नहीं आता है.  चीन हो या ईरान, अलग-थलग करो और घेरो की अमेरिकी नीति पाकिस्तान के सामरिक हितों से मेल नहीं खाती है. ’’

लादेन और एबटाबाद में उसके पूर्व परिसर का जिक्र करते हुए ट्रंप ने रविवार को फोक्स न्यूज के साथ साक्षात्कार में कहा था, ‘‘आप जानते हैं, पाकिस्तान में और वो भी खूबसूरती से, जरा सोचिए, रहना जिसे मुझे लगता है कि वे अच्छा महल समझते थे, मैं नहीं जानता, मैंने अच्छे भवन देखे हैं. ’’

वर्ष 2011 में अमेरिकी के नेवल स्पेशल वारफेयर डेवलपमेंट ग्रुप बल ने हेलीकॉप्टर से वहां हमला किया था और लादेन को मार गिराया था. ट्रंप ने कहा, ‘‘लेकिन पाकिस्तान में सैन्य अकादमी के समीप रहना, और पाकिस्तान में हर व्यक्ति जानता था कि वह वहां था. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम पाकिस्तान को साल में 1.3 अरब डॉलर देते हैं,.पाकिस्तन में (लादेन) रहता था, हम पाकिस्तान का सहयोग कर रहे हैं, हम उसे सालाना 1.3 अरब डॉलर दे रहे हैं. अब हमें उसे नहीं देते हैं. मैंने उसे खत्म कर दिया क्योंकि उसने हमारे लिए कुछ नहीं किया.’’ 

E-Paper