एसआइटी से बोले बादल- मैं जेल जाने से नहीं डरता, न तो मैंने गोली चलवाई और न ही डीजीपी ने

श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के बाद बहिबलकलां व कोटकपूरा गोलीकांड के मामले में एसआइटी ने शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से चंडीगढ़ में उनके आवास पर आधे घंटे तक पूछताछ की। बादल ने एसआइटी के अधिकारियों से कहा कि वे जेल जाने से नहीं डरते हैं। उन्होंने कहा, ”न तो मैंने गोली चलाने के आदेश दिए थे और न ही तत्कालीन डीजीपी सुमेध सिंह सैनी ने। गांधी परिवार व कांग्रेस सिखों की दुश्मन है। कांग्रेस व कैप्टन अमरिंदर सिंह हमेशा बदले की राजनीति करते हैं। मेरे साथ पहले भी ऐसा किया जा चुका है और अब फिर कैप्टन के इशारे पर मुझे बदनाम करने के लिए यह सब किया जा रहा है।”

बादल ने  कहा, ”ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी मामले में एक पूर्व मुख्यमंत्री को गवाह बनाया गया हो। कांग्रेस कट्टरपंथियों का समर्थन कर रही है। पंजाब में वह फिर से अमन-चैन व भाईचारा खत्म करना चाहती है।”

उन्होंने कहा, ”मैं श्री गुरु ग्रंथ साहिब का पूरा सम्मान करता हूं। मेरे घर व आवास पर गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश किया जाता है।” उल्लेखनीय है कि बहिबलकलां व कोटकपूरा गोलीकांड की जांच कर रही एसआइटी ने बादल को पहले अमृतसर में पेश होने के लिए सम्मन जारी किया था, लेकिन अकाली दल की कड़ी आपत्ति व बादल की उम्र को देखते दोबारा सम्मन जारी किया और कहा कि वे जहां कहेंगे वहीं पर एसआइटी के अफसर पूछताछ के लिए पहुंचेंगे। इसके बाद बादल ने अपने आवास पर अफसरों को आने को कहा था। तीन साल पहले हुए गोलीकांड में दो सिख युवक मारे गए थे।

आइजी से पूछा, एडीजीपी क्यों नहीं आए

बादल से पूछताछ करने पहले एसआइटी सदस्य आइजी कुंवर विजय प्रताप पहुंचे। बादल ने उनसे मुलाकात तो की, लेकिन पूछताछ की बात पर बोले आपके बॉस कहां हैं? फिर आइजी ने एसआइटी प्रमुख एडीजीपी प्रबोध कुमार से फोन पर बात करवाई। पंद्रह मिनट बाद एडीजीपी बादल के आवास पर पहुंचे। इसके बाद उन्होंने बादल से पूछताछ शुरू की।

अकाली दल की आपत्ति के बाद बदला गया पूछताछ का स्थान

बता दें, पहले यह पूछताछ अमृतसर में होनी थी, लेकिन अकाली दल द्वारा कड़ी आपत्ति जताने के बाद पूछताछ का स्थान बदला गया। 90 वर्ष के बादल की उम्र को देखते हुए एसआइटी ने यह राहत दी। एसआइटी ने पहले सम्मन जारी करके उन्हें अमृतसर अमृतसर बुलाया था। बाद में संशोधित सम्मन भेज कहा कि वे अपनी मर्जी के स्थान पर पूछताछ के लिए उपलब्ध हो सकते हैं।

सुखबीर व अक्षय कुमार से अमृतसर में होगी पूछताछ

अकाली दल ने एसआइटी को पत्र लिखकर कहा था कि प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर सिंह बादल एसआइटी को जांच में पूरा सहयोग करेंगे। बादल ने एसआइटी को पत्र लिखकर बताया था कि वे चंडीगढ़ में शुक्रवार को अपने आवास में मौजूद रहेंगे। गोलीकांड मामले की जांच में सुखबीर बादल और अभिनेता अक्षय कुमार को भी सम्मन भेजे गए हैं। एसआइटी ने कहा है कि सुखबीर व अक्षय से पूछताछ अमृतसर में ही की जाएगी। इसमें कोई संशोधन नहीं किया गया है। सुखबीर से 19 नवंबर को पूछताछ की जानी है।

अकाली दल ने की कुंवर विजय प्रताप को एसआइटी से हटाने की मांग

दूसरी तरफ अकाली दल ने एसआइटी के सदस्य आइजी कुंवर विजय प्रताप सिंह को हटाने की मांग की है। पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री डॉ. दलजीत चीमा और महेशइन्दर सिंह ग्रेवाल ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और मुख्य सचिव को पत्र लिखकर बताया गया है कि आइजी पेशेवर तरीके से काम नहीं कर रहे हैैं। उनका रवैया गैरजिम्मेदाराना है। उन्होंने कहा था कि बादल को अमृतसर बुला लिया गया तो कोई हर्ज नहीं है, क्योंकि वे जेड प्लस सुरक्षा में लग्जरी गाडिय़ों में चलते हैैं।

मेरी किसी से कोई दुश्मनी नहीं : कुंवर विजय प्रताप

आइजी कुंवर विजय प्रताप सिंह ने अकाली दल के आरोप पर कहा है कि मेरी किसी व्यक्ति के साथ कोई दुश्मनी नहीं है। मैं जनहित में कानून के मुताबिक काम कर रहा हूं, इसलिए किसी को ऐतराज नहीं होना चाहिए। जांच पूरी पारदर्शिता के साथ कानून के मुताबिक चल रही है। यह मसला श्री गुरु ग्रंथ साहब जी की बेअदबी के साथ सबंधित है, जोकि बहुत ही संवेदनशील मसला है। इसकी जांच में हम कोई कमी नहीं आने देंगे। किसी भी तरह की सियासत से मेरा कोई लेनादेना नहीं है। इससे ज्यादा कुछ बोलूंगा।

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