
इज़रायल सोमालीलैंड को मान्यता देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इस पर असहमति जताई। सोमालीलैंड ने 1991 में सोमालिया से स्वतंत्रता घोषित की थी। सोमालिया और अफ्रीकी संघ ने इजरायल के इस कदम पर कड़ी आपत्ति जताई है, इसे क्षेत्र की शांति के लिए खतरा बताया।
इजरायल, सोमालीलैंड को मान्यता देने वाला दुनिया का पहला देश बन चुका है। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप का करीबी माना जाता है। ऐसे में जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या वो भी सोमालीलैंड के पक्ष में हैं, तो ट्रंप ने इसपर बिल्कुल विपरीत जवाब दिया।
ट्रंप ने सोमालीलैंड को मान्यता देने पर साफ शब्दों में इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, “क्या किसी को पता है कि सोमालीलैंड क्या है? सचमें।”
इजरायल ने शुक्रवार को सोमालीलैंड को मान्यता देने की घोषणा की, जिसपर सोमाली और अफ्रीकन यूनियन ने आपत्ति जताई है। वहीं, इजरायल ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। उसने सोमालीलैंड को स्वतंत्र और संप्रभु देश स्वीकार कर लिया है।
1991 में अस्तित्व में आया था सोमालीलैंड
सोमालीलैंड ने 1991 में ही सोमालिया से खुद को स्वतंत्र करने की घोषणा कर दी थी, लेकिन अभी तक किसी भी देश ने सोमालीलैंड को मान्यता नहीं दी थी। पिछले साल राष्ट्रपति अब्दिरहमान मोहम्मद अब्दुल्लाही ने सोमालीलैंड की सत्ता संभाली थी। ऐसे में इजरायल द्वारा उनके देश को मान्यता मिलने उनके कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि साबित हो सकता है।
कई देशों ने जताई आपत्ति
हालांकि, सोमाली के विदेश मंत्रालय ने इजरायल के इस कदम पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि इजरायल जानबूझकर क्षेत्र में शांति भंग करने की कोशिश कर रहा है। अफ्रीकी संघ ने भी इसकी आलोचना करते हुए कहा, “सोमालिया की एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को कमजोर करने का कोई भी प्रयास न सिर्फ पूरे महाद्वीप में शांति और स्थिरता के लिए खतरा उत्पन्न करता है, बल्कि भविष्य में इसके परिणाम काफी भयानक हो सकते हैं।”
इजरायल ने क्या कहा?
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि यह फैसला अब्राहम समझौते के अंतर्गत लिया गया है। वहीं, नेतन्याहू ने सोमालीलैंड के राष्ट्रपति अब्दिरहमान मोहम्मद अब्दुल्लाही को इजरायल आने का भी न्यौता दिया है। उनका कहना है कि यह दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी की शुरुआत है।