
स्वस्थ तन, समृद्ध किसान और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए इंदौर एक बार फिर तैयार है। शहर में 12, 13 और 14 दिसंबर को एक भव्य जैविक महोत्सव का आयोजन होने जा रहा है। यह तीन दिवसीय मेला इंदौर के ढक्कनवाला कुआं स्थित ग्रामीण हाट बाजार में लगेगा। कलेक्टर शिवम वर्मा के निर्देशन में होने वाले इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य उत्पादकों और उपभोक्ताओं के बीच सीधा संवाद स्थापित करना है।
चार विशेष भागों में बंटा होगा मेला
आगंतुकों की सुविधा के लिए मेले को चार आकर्षक भागों में विभाजित किया गया है।
पहला भाग: श्री अन्न प्रदर्शनी
मेले का पहला हिस्सा मिलेट्स यानी श्री अन्न पर आधारित होगा। यहां कोदो, कुटकी, कंगनी, रागी और सामा जैसे पारंपरिक और पोषक तत्वों से भरपूर अनाज प्रदर्शित किए जाएंगे। लोग न केवल इनके फायदे जान सकेंगे, बल्कि इन्हें खरीद भी सकेंगे।
दूसरा भाग: तिलहन और शुद्ध तेल
दूसरे हिस्से में सरसों, तिल्ली, मूंगफली, अलसी और सूरजमुखी जैसे तिलहनों की प्रदर्शनी लगेगी। खास बात यह है कि यहां घानी से निकाला गया शुद्ध तेल उपलब्ध रहेगा, जिससे लोगों को स्वदेशी तेलों की शुद्धता और लाभों का पता चलेगा।
तीसरा भाग: ज्ञान सत्र
किसानों और जिज्ञासु लोगों के लिए विशेष ज्ञान सत्र आयोजित होंगे। इसमें विशेषज्ञ स्वदेशी तेलों के लाभ, तिलहन खेती, मिलेट्स के नए प्रयोग और प्राकृतिक खेती की तकनीकों पर मार्गदर्शन देंगे।
चौथा भाग: स्वाद और सेहत
मेले का सबसे आकर्षक हिस्सा इसका फूड जोन होगा। यहां जैविक उत्पादों से बने पारंपरिक व्यंजन जैसे दाल-पानिया, मिलेट्स की खिचड़ी, मिलेट्स के पोहे और गिर गाय के दूध से बनी जलेबी का आनंद लिया जा सकेगा। इस आयोजन का मकसद नागरिकों को जैविक जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना है।
आयोजन के मुख्य सहयोगी
यह मेला आत्मा परियोजना, किसान कल्याण एवं कृषि विभाग, मां रेणुका फूड्स, आनंदम ऑर्गेनिक और शगुन नैचुरल के संयुक्त प्रयासों से आयोजित किया जा रहा है। प्रशासन का प्रयास है कि इंदौर स्वच्छता के साथ-साथ अब स्वस्थता के क्षेत्र में भी देश में अपनी अलग पहचान बनाए।