
तीन साल से ज्यादा समय से चल रहे रूस-यूक्रेन संघर्ष के खत्म होने की उम्मीदें बढ़ गई है। कारण है कि पश्चिमी देशों के नेताओं के बाद रविवार को जेनेवा में यूक्रेन और अमेरिका के बीच ऊंचे स्तर की बैठक हुई। इसमें यूक्रेन के शीर्ष प्रतिनिधियों ने अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात की। दोनों पक्षों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सुझाए गए यूक्रेन-रूस युद्ध रोकने के प्रस्ताव पर बातचीत की। बातचीत के बाद जारी संयुक्त बयान में बताया गया कि वार्ता उपयोगी, केन्द्रित और सम्मानजनक रही और दोनों पक्ष एक न्यायपूर्ण व स्थायी शांति के लिए प्रतिबद्ध हैं।
बयान के अनुसार, बातचीत के दौरान मुख्य मुद्दों पर करीबिया बढ़ीं और आगे की प्रक्रिया के लिए स्पष्ट कदम तय किए गए। दोनों देशों ने मिलकर शांति प्रस्ताव का एक नया और सुधारित ढांचा तैयार किया, जिसमें यूक्रेन की संप्रभुता और टिकाऊ शांति को अनिवार्य बताया गया।
रुबियो ने बैठक को बताया सबसे ज्यादा उपयोगी
वार्ता के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पत्रकारों से कहा कि यह बैठक सबसे ज्यादा उपयोगी और सार्थक रही। उन्होंने बताया कि उसी रात दूसरी बैठक भी होगी। रुबियो ने कहा कि इस मामले में अब तक हुई प्रगति को देखकर वे काफी आश्वस्त हैं। हालांकि अंतिम में उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अंतिम निर्णय दोनों देशों के राष्ट्रपतियों द्वारा लिया जाएगा।
यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल ने ट्रंप का किया धन्यवाद
वार्ता के बाद यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिका और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लगातार समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। साथ ही कहा कि वे युद्ध और जानमाल के नुकसान को रोकने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। अमेरिका और यूक्रेन आने वाले दिनों में इस प्रस्ताव पर मिलकर और तेजी से काम करेंगे और यूरोपीय साझेदारों से भी संपर्क बनाए रखेंगे। हालांकि अंतिम निर्णय दोनों देशों के राष्ट्रपतियों द्वारा लिया जाएगा।
मामले में यूक्रेन की ओर से राष्ट्रपति जेलेंस्की के चीफ ऑफ स्टाफ आंद्रिय येरमाक ने भी कहा कि पहली बैठक बहुत अच्छी रही और जल्द ही दूसरी बैठक होगी जिसमें यूरोपीय देशों की भागीदारी भी होगी। अंतिम फैसला दोनों देशों के राष्ट्रपति लेंगे।
ट्रंप ने यूक्रेन से इस बात से जताई नाराजगी
गौरतलब है कि बैठक से पहले, ट्रंप ने ऑनलाइन पोस्ट में यूक्रेन पर अमेरिकी मदद के लिए शुक्रिया न कहने का आरोप लगाया और यूरोपीय देशों की आलोचना की कि वे अब भी रूस से तेल खरीद रहे हैं। इसके जवाब में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन अमेरिका की मदद के लिए ‘कृतज्ञ’ है और अमेरिका व राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा दी जा रही सुरक्षा सहायता महत्वपूर्ण है।
जेलेंस्की ने जोर देकर कहा कि युद्ध की शुरुआत ‘रूस ने की थी, और सिर्फ रूस ने। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका, यूरोप और दुनिया के सहयोग से ही यूक्रेन की जानें बची हैं और मुख्य लक्ष्य यह है कि रूस की यह लड़ाई खत्म हो और फिर कभी शुरू न हो।
प्रस्ताव की आलोचना भी, समझिए कैसे?
दूसरी ओर अमेरिकी प्रस्ताव को आलोचना का भी सामना करना पड़ रहा है। कारण है कि इसमें रूस की कुछ मांगों को स्वीकार करने जैसी बातें शामिल हैं, जैसे यूक्रेन द्वारा कुछ इलाके छोड़ना, सेना का आकार सीमित करना और नाटो में शामिल न होने का वादा करना। देखा जाए तो दोनों देश इस बात पर सहमत हैं कि वे ऐसी शांति चाहते हैं जो यूक्रेन की सुरक्षा, स्थिरता और पुनर्निर्माण को सुनिश्चित करे।