
न्यायालय ने चोरी की शंका में करीब 11 माह पहले युवक की हत्या करने के मामले में विंड एनर्जी प्लांट के तत्कालीन सुवरवाइजर, गार्डों आदि को दोषी पाया। सुनवाई के बाद न्यायालय ने कंपनी के तत्कालीन सुवरवाइजर अभियुक्त संतोष कटारा और कन्हैयालाल मईड़ा, गार्ड राम सिंह गरवाल, जगदीश मिईडा, धारजी कटारा, जुझार मईडा और ड्राइवर जुझार डिंडोर को नवीन कानून बीएनएस की धारा 103 (1) में आजीवान कारावास की सजा सुनाई। इस धारा में सातों अभियुक्तों पर तीन-तीन हजार रुपये का जुर्माना भी किया गया। साथ ही सातों को बीएनएस की धारा 238 में सात-सात वर्ष के सश्रम कारावास और एक-एक हजार रुपये के जुर्माना से भी दंडित किया गया। दोनों सजा साथ चलेगी। सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश राजेश नामदेव ने ये फैसला सुनाया।
अपर लोक अभियोजक समरथ पाटीदार ने बताया कि 31 अक्तूबर 2024 को सैलाना के गोधुलिया तालाब किनारे लगी कुर्सी पर रामपुरिया निवासी 32 वर्षीय मणिलाल मईड़ा पिता शंभूजी मईड़ा अचेत बैठा हुआ है। इसकी सूचना सैलाना थाने पर मंगलेश पाटीदार ने दी थी। उसने पुलिस को बताया था कि गोधुलिया तालाब के पास नगर परिषद की कुर्सी पर एक युवक (मणिलाल) टेके से बैठा है, उसकी गर्दन पीछे झुकी हुई है तथा उसके शर्ट के आगे के बटन खुले हुए हैं। उसे आवाज देकर हिलाया-दुलाया तो वह कुछ नहीं बोला, उसके शरीर को हाथ लगाकर देखा तो उसका शरीर ठंडा और कड़क हो चुका था। इसी बीच वहां अन्य लोग भी पहुंच गए थे।