
मतदाता सूची में गड़बड़ी का मामला अब स्थानीय राजनीति में भी गरमा गया है। पांढुर्ना विकासखंड की ग्राम पंचायत लांघा की सरपंच वनिता पराडकर और उपसरपंच पति गणपति पराडकर का नाम एक साथ मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र दोनों राज्यों की मतदाता सूची में दर्ज पाया गया है। इस खुलासे के बाद पंचायत से लेकर राजनीतिक गलियारों तक हलचल मच गई है।
शिकायतकर्ताओं का आरोप
गांव के पूर्व सरपंच अनिल राउत, गणपति आगरे और दिलीप खानवे ने सोमवार को तहसीलदार के समक्ष लिखित शिकायत की। शिकायत में कहा गया कि ग्राम लांघा की मतदाता सूची में वनिता पराडकर का इपिक नंबर ZSP0912626 और गणपति पराडकर का ZSP1120799 दर्ज है। वहीं, महाराष्ट्र के नागपुर स्थित बस्तरवारी लालगंज के बूथ क्रमांक 508 में गणपति पराडकर का नाम YGR72331882 और वनिता पराडकर का नाम YGR7233261 से दर्ज है। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि पराडकर दंपती ने दो राज्यों की मतदाता सूची में नाम रखकर निर्वाचन नियमों का उल्लंघन किया है। उनका आरोप है कि इस गड़बड़ी के पीछे एक खास राजनीतिक दल को फायदा पहुंचाने की मंशा है।
उपसरपंच की सफाई
मामला सामने आते ही उपसरपंच गणपति पराडकर ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि नागपुर में उनका मकान है और उनकी बेटियां वहां पढ़ाई करती हैं। सर्वे के दौरान बेटियों ने नाम बता दिए थे, जिससे महाराष्ट्र की सूची में भी नाम दर्ज हो गया। हालांकि उन्होंने दावा किया कि उन्होंने वहां कभी मतदान नहीं किया और बीते अगस्त माह में नाम विलोपन की प्रक्रिया पूरी कर ली है।
कांग्रेस का हमला
कांग्रेस ने इस मुद्दे पर पराडकर दंपती को घेरा। क्षेत्रीय विधायक नीलेश उईके, जिला कांग्रेस अध्यक्ष जतन उईके, ब्लॉक अध्यक्ष विश्वास कांबे और नगर अध्यक्ष जयंत घोड़े सहित कांग्रेस पदाधिकारियों ने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधियों का नाम दो राज्यों की मतदाता सूची में होना गंभीर मामला है। उन्होंने इसे चुनाव आयोग और मतदान नियमों का सीधा उल्लंघन बताते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की।
तहसीलदार को सौंपा गया ज्ञापन
कांग्रेस कार्यकर्ताओं और शिकायतकर्ताओं ने तहसीलदार विनय प्रकाश ठाकुर को शिकायत पत्र सौंपकर जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह मामला केवल गड़बड़ी नहीं, बल्कि लोकतंत्र की मूल व्यवस्था से छेड़छाड़ है, जिस पर आयोग को तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए।