2020 में कांग्रेस सरकार गिरने को लेकर दिग्गी के दावे से बवाल

मध्य प्रदेश में पांच साल पहले गिरी कांग्रेस सरकार को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने एक पॉडकास्ट में कई खुलासे किए। दिग्विजय ने बताया कि सरकार “आइडियोलॉजिकल क्लैश” से नहीं बल्कि “क्लैश ऑफ पर्सनैलिटी” से गिरी थी। दिग्विजय सिंह ने खुलासा किया कि उन्होंने एक उद्योगपति से मध्यस्थता करवाई थी, जिनके कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया दोनों से अच्छे संबंध थे। उनके घर पर डिनर के दौरान कई मुद्दों पर सहमति बनी और एक “विशलिस्ट” तैयार हुई। इसमें ग्वालियर-चंबल संभाग से जुड़े फैसलों पर साथ मिलकर काम करने का आश्वासन भी शामिल था। दिग्विजय के बताया कि उन्होंने भी लिस्ट पर दस्तखत किए थे, लेकिन बाद में उसका पालन नहीं हुआ। गलत आरोप मेरे सिर पर मढ़े गए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि उन्हें इस बात का दुख है कि जिन पर पूरा भरोसा था, उन्हीं लोगों ने धोखा दिया। अगर ग्वालियर-चंबल से जुड़ी मांगें मानी जातीं तो शायद सरकार गिरने की नौबत नहीं आती। दिग्विजय सिंह ने कहा कि प्रचारित किया गया कि उनकी और सिंधिया की लड़ाई से सरकार गिरी, जबकि हकीकत यह नहीं है। उन्होंने पहले ही चेतावनी दी थी कि स्थिति गंभीर हो सकती है। उन्होंने कहा कि यह मेरा दुर्भाग्य है कि मुझ पर हमेशा वही आरोप लगाए जाते हैं, जिनका मैं दोषी नहीं होता हूं। अब कमलनाथ ने किया पलटवार दिग्विजय सिंह का बयान सामने आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी पलटवार किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि मध्य प्रदेश में 2020 में मेरे नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिरने को लेकर हाल ही में कुछ बयानबाजी की गई है। मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि पुरानी बातें उखाड़ने से कोई फायदा नहीं है,
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