कैप्टन व बादल एक-दूसरे के हलके में ठोकेंगे ताल, कांग्रेस लंबी व शिअद में करेगी रैली

अक्टूबर का पहला संडे यानी 7 अक्टूबर ‘सुपर संडे’ बनने जा रहा है। इस दिन अकाली दल मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के हलके पटियाला में ‘जबर विरोधी’ रैली करेगा तो कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के हलके लंबी किल्लियांवाली में बेअदबी कांड को लेकर बादल की पोल खोलेगी। पंजाब के इतिहास में संभवत: यह पहला ऐसा मौका होगा जब दोनों ही पार्टियां एक ही दिन एक-दूसरे के गढ़ में हमला बोलेंगी। दोनों ही पार्टियों ने रविवार को रैली की तिथि का ऐलान किया है।कैप्टन व बादल एक-दूसरे के हलके में ठोकेंगे ताल, कांग्रेस लंबी व शिअद में करेगी रैली

कांग्रेस रैली को लेकर सक्रिय हो गई है। पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रस्तावित रैली के लिए किल्लियांवाली की अनाज मंडी वाली जगह का जायजा भी लिया। इस प्रतिनिधिमंडल में वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल के साथ गुरप्रीत सिंह कांगड़, सुखजिन्दर सिंह रंधावा, राजा वडि़ंग और कैप्टन संदीप संधू शामिल थे।

बादल जनता के बीच फैला रहे हैं भ्रम : कैप्टन

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का कहना है कि वास्तव में विधानसभा में रिटा. जस्टिस रणजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट पेश होने के बाद बादल की तरफ उंगली उठी है। जिस कारण इन मामलों में अपनी भूमिका से लोगों का ध्यान हटाने के लिए बादल भद्दे प्रयास कर रहे हैैं। जब भी चुनाव का समय नज़दीक आता है तो हर बार धर्म का दुरुपयोग करके और झूठ का सहारा लेकर सांप्रदायिक भावनाएं भड़काना बादल की पुरानी आदत है। मैैंने पंजाब के लोगों के सामने इस अकाली नेता के असली चेहरे को बेनकाब करने का संकल्प किया है। 7 अक्टूबर को बादल के ही हलके में कांग्रेस पोल खोलेगी।

लोकतंत्र के कत्ल का पर्दाफाश किया जाएगा : सुखबीर

शिरोमणी अकाली दल जिला परिषद व ब्लॉक समिति चुनाव में कांग्रेस पार्टी पर धक्केशाही का आरोप लगाते हुए रैली करेगा जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल भी शामिल होंगे। शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा लोकतंत्र के कत्ल का पर्दाफाश जबर विरोधी रैली में करेगा।

उन्होंने कहा कि चुनावों को जीतने के लिए अपनाए गैरकानूनी तथा अनैतिक तरीकों से साबित हो गया है कि कांग्रेस सरकार अपने खिला लोगों के अंदर पनप रहे गुस्से के बारे में जानती थी। पहले उसने बड़े स्तर पर नामांकन रद करवाए, फिर जाली वोटें डाली गईं, उसके बाद बूथों पर कब्जे किए गए। मतगणना वाले दिन शिअद के एजेंटों को बाहर निकाल दिया। इसके बावजूद फैसला जब हक में न हुआ तो नतीजा घोषित किए जाने के बाद भी बहुत जगहों पर हारे हुए कांग्रेसी उम्मीदवारों को विजयी घोषित कर दिया।

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