रक्षा मंत्री के बाद अब बिलावल भुट्टो ने कबूला पाकिस्तान का जुर्म

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के बाद पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के चेयरमैन बिलावल भुट्टो का बयान सामने आया है। बिलावल भुट्टो ने ख्वाजा आसिफ के आतंकवाद वाले बयान पर मुहर लगा दी है। ख्वाजा आसिफ ने पहलगाम में हुए हमले के बाद अपने बयान में कहा था, पाकिस्तान में आतंकवादी पलते हैं। अब इसके बाद बिलावल भुट्टो ने कहा, इस मामले में पाकिस्तान का अपना अतीत रहा है। पूर्व विदेश मंत्री ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान आतंकवादी समूहों को समर्थन देने में जुड़ा हुआ है।

‘पाकिस्तान का एक अतीत है’

स्काई न्यूज के यल्दा हकीम से बातचीत में भुट्टो ने कहा, ‘जहां तक ​​रक्षा मंत्री ने कहा है, मुझे नहीं लगता कि यह कोई रहस्य है कि पाकिस्तान का एक अतीत है, नतीजतन, हमने भुगता है। पाकिस्तान ने भुगता है। हम चरमपंथ की लहर से गुजरे हैं। लेकिन हमने जो झेला है, उसके परिणामस्वरूप हमने अपने सबक भी सीखे हैं। हमने इस समस्या को हल करने के लिए आंतरिक सुधार किए हैं।’

पाकिस्तान शांति चाहता है-बिलावल भुट्टो

भुट्टो ने आगे कहा, ‘जहां तक ​​पाकिस्तान के इतिहास का सवाल है, यह इतिहास है और यह ऐसा कुछ नहीं है जिसमें हम आज हिस्सा ले रहे हैं। अब यह सब इतिहास है, और हम इसमें अब शामिल नहीं हैं।गुरुवार को मीरपुर खास में एक रैली को संबोधित करते हुए भुट्टो ने एक बार फिर दावा किया कि पाकिस्तान शांति चाहता है लेकिन अगर भारत ने उन्हें उकसाया तो वह युद्ध के लिए तैयार है।

सिंधु समझौते पर बौखलाया पाकिस्तान

भारत के डर से पाकिस्तान दहशत में है। तिलमिलाए पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री भुट्टो ने आगे कहा, ‘पाकिस्तान एक शांतिपूर्ण देश है, और इस्लाम एक शांतिपूर्ण धर्म है। हम युद्ध नहीं चाहते, लेकिन अगर कोई हमारी सिंधु पर हमला करता है, तो उसे युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए। हम युद्ध का ढोल नहीं पीटते, लेकिन अगर उकसाया गया, तो एकजुट पाकिस्तान की दहाड़ बहरी हो जाएगी’ बता दें कि कुछ दिनों पहले, एक वीडियो क्लिप वायरल हुई थी, जिसमें पाकिस्तान के रक्षा मंत्री स्काई न्यूज़ की यल्दा हकीम से बात कर रहे थे, जब उन्होंने उनसे पूछा, ‘आप मानते हैं, सर, कि पाकिस्तान का इन आतंकवादी संगठनों को समर्थन, ट्रेनिंग और धन देने का लंबा इतिहास रहा है?

 ख्वाजा आसिफ ने आतंकवाद को लेकर दिया था बयान

इसके बाद ख्वाजा आसिफ ने अपने जवाब में कहा था, ‘हम लगभग तीन दशकों से संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए यह गंदा काम कर रहे हैं… और ब्रिटेन सहित पश्चिम… यह एक गलती थी, और हमने इसके लिए कष्ट सहा, और इसलिए आप मुझसे यह कह रहे हैं। अगर हम सोवियत संघ के खिलाफ युद्ध में और बाद में 9/11 के बाद के युद्ध में शामिल नहीं होते, तो पाकिस्तान का ट्रैक रिकॉर्ड बेदाग होता।’ पाकिस्तान के शीर्ष नेतृत्व की ओर से यह स्वीकारोक्ति 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक हमले की पृष्ठभूमि में आई है, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। पाकिस्तान से गहरे संबंध रखने वाले प्रतिबंधित आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा ने इस हमले की साजिश रची थी।
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