यात्री और मालभाड़ा नहीं रेलवे की कमाई का जरिया, एक साल में कमाए 9 अरब रुपये

यदि आप समझते हैं कि रेलवे की कमाई का जरिया यात्री और मालभाड़ा ही है तो आप गलत हैं। रिक्तियों के लिए आवेदन भरने के लिए अभ्यर्थियों से जो शुल्क लिया जाता है, उससे होने वाली कमाई भी कम नहीं है। 2017-18 को ही लें, तो इस एक साल में रेलवे ने बेरोजगारों से फॉर्म भरवाकर आठ अरब 86 करो़ड़ 85 लाख 49 हजार रुपये कमाए।यात्री और मालभाड़ा नहीं रेलवे की कमाई का जरिया, एक साल में कमाए 9 अरब रुपये

सूचना के अधिकार (आरटीआइ) के तहत मांगी गई जानकारी में यह बात सामने आई है। आरटीआई एक्टिविस्ट मिंटू प्रसाद जायसवाल ने सूचना के अधिकार के तहत रेलवे से कई बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी। जैसे खाने की क्वालिटी में सुधार पर कितना खर्च हुआ। प्लेटफॉर्म टिकट की बिक्री से कितने राजस्व की प्राप्ति हुई। इनमें मुख्य था 2014 से अब तक कितनी रिक्तियां निकाली गई। उनसे आवेदन शुल्क के रूप में कितना राजस्व मिला। अन्य का जवाब तो अभी तक नहीं मिला। इतना भर लिखकर आया कि पत्र को संबंधित विभाग में भेज दिया गया है। सिर्फ रिक्तियों के लिए भरे गए आवेदन के साथ जमा शुल्क की राशि की जानकारी दी गई है।

बताया गया है कि 2017-18 में विभिन्न पदों के लिए 90 हजार रिक्तियां निकाली गई थीं। इनके सापेक्ष दो करो़ड़ 80 लाख आवेदन आए। साथ में शुल्क के रूप में आठ अरब 86 करोड़ 85 लाख 49 हजार रुपये रेलवे को मिले। गौरतलब है कि आरटीआई से ही जानकारी मिली थी कि आरक्षित टिकटों को निरस्त कराने से 2016-17 में रेलवे को 14 अरब रुपये से ज्यादा मिले थे, जबकि इसके पहले यह रकम करोड़ में ही होती थी।

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