अगवा कर मांगी 15 लाख रुपये की फिरौती, 100 रुपये देकर छोड़ा

राजधानी रांची के तुपुदाना क्षेत्र के किसकी गांव से छह अज्ञात हथियारबंद अपराधियों ने एक मजदूर को अगवा कर लिया। इसके बाद मजदूर के पेटी ठेकेदार को उसी मजदूर के फोन से कॉल कर 15 लाख रुपये की फिरौती मांगी। मजदूर और ठेकेदार ने खुद को दिहाड़ी मजदूर बताया तो अपराधियों ने 100 रुपये देकर मजदूर को छोड़ दिया। हालांकि अपराधियों ने फिरौती के चक्कर में मजदूर को पूरे 18 घंटे तक बंधक बनाकर रखा। पुलिस आशंका जता रही है कि संबंधित अपराधी पीएलएफआई के उग्रवादी थे और वे फिरौती की रकम के लिए ठेकेदार को निशाना बनाने आए होंगे। किसकी गांव में पावरग्रिड के टावर का निर्माण चल रहा है। इसका कांट्रैक्ट जेईसी इंटरनेशनल कंपनी ने लिया है।राजधानी रांची के तुपुदाना क्षेत्र के किसकी गांव से छह अज्ञात हथियारबंद अपराधियों ने एक मजदूर को अगवा कर लिया। इसके बाद मजदूर के पेटी ठेकेदार को उसी मजदूर के फोन से कॉल कर 15 लाख रुपये की फिरौती मांगी। मजदूर और ठेकेदार ने खुद को दिहाड़ी मजदूर बताया तो अपराधियों ने 100 रुपये देकर मजदूर को छोड़ दिया। हालांकि अपराधियों ने फिरौती के चक्कर में मजदूर को पूरे 18 घंटे तक बंधक बनाकर रखा। पुलिस आशंका जता रही है कि संबंधित अपराधी पीएलएफआई के उग्रवादी थे और वे फिरौती की रकम के लिए ठेकेदार को निशाना बनाने आए होंगे। किसकी गांव में पावरग्रिड के टावर का निर्माण चल रहा है। इसका कांट्रैक्ट जेईसी इंटरनेशनल कंपनी ने लिया है।  इस प्रोजक्ट के लिए किसकी गांव में पेटी ठेकेदार के रूप में मो. अयूब काम करवा रहा है। उसके लिए तीन मजदूरों को गांव में एक कैंप बनाकर रखा था। कैंप के बगल में एक दूसरे पेटी ठेकेदार संजय का भी तंबू गड़ा था। वहां रात के करीब 11 बजे छह हथियारबंद अपराधी पहुंचे। इनमें एक कोबरा की वर्दी में था। अपराधियों ने मजदूरों में से नगड़ी थाना क्षेत्र के एड़चोरो निवासी एतवा उरांव को अगवा कर लिया और तीन अपराधी उसे तंबू से कुछ दूर तक पैदल उठा ले गए। साथ ही वहां बने एक तंबू को तोड़-फोड़ कर दिया। वहीं दूसरे तंबू में अन्य पांच मजदूरों को बंद कर दिया गया। मजदूरों को अपहर्ता अपने साथ खूंटी ले गए और यहां चुकड़ू जंगल में पूरी रात एक पेड़ से बांध कर रखा।  अपराधियों के जाने के बाद भागे मजदूर अपराधियों के जाने के बाद वहां बचे पांच मजदूर दहशत में आ गए। अपराधियों के जाने के बाद किसकी गांव के फ्रांसिस के घर जाकर शरण ली। इसके बाद अपने ठेकेदारों को सूचना दी। अपराधियों ने मजदूर के मोबाइल से ही कॉल कर पेटी ठेकेदार अयूब से 15 लाख रुपये की फिरौती मांगी। फिरौती की रकम नहीं देने पर जान से मारने की धमकी भी दी। इसपर पेटी ठेकेदार ने खुद को दिहाड़ी मजदूरों का ठेकेदार बताया और मजदूर को भी गरीब बताया। इसपर अपराधियों ने गुरुवार की शाम करीब छह बजे उन्हें छोड़ दिया। छोड़ने के बाद मजदूर को खूंटी में एक बस में अपराधियों ने बैठा दिया था। दसमाइल चौक पर वापस पहुंचे तो ठेकेदार उसे अपने साथ ले गया।  करमा में जाने वाला था घर, हो गया अगवा वापस लौटने के बाद अपहृत एतवा ने बताया कि वह लगातार बिना साप्ताहिक छुट्टी लिए काम कर रहा था। करमा पर्व मनाने के लिए कुछ ओवर टाइम कर पैसे की जुगत में था, लेकिन करमा से एक दिन पहले ही अगवा हो गया। उसका कहना है किसी तरह जान बच गई। वह पिछले 20 दिनों से काम पर लगा था।

इस प्रोजक्ट के लिए किसकी गांव में पेटी ठेकेदार के रूप में मो. अयूब काम करवा रहा है। उसके लिए तीन मजदूरों को गांव में एक कैंप बनाकर रखा था। कैंप के बगल में एक दूसरे पेटी ठेकेदार संजय का भी तंबू गड़ा था। वहां रात के करीब 11 बजे छह हथियारबंद अपराधी पहुंचे। इनमें एक कोबरा की वर्दी में था। अपराधियों ने मजदूरों में से नगड़ी थाना क्षेत्र के एड़चोरो निवासी एतवा उरांव को अगवा कर लिया और तीन अपराधी उसे तंबू से कुछ दूर तक पैदल उठा ले गए। साथ ही वहां बने एक तंबू को तोड़-फोड़ कर दिया। वहीं दूसरे तंबू में अन्य पांच मजदूरों को बंद कर दिया गया। मजदूरों को अपहर्ता अपने साथ खूंटी ले गए और यहां चुकड़ू जंगल में पूरी रात एक पेड़ से बांध कर रखा।

अपराधियों के जाने के बाद भागे मजदूर अपराधियों के जाने के बाद वहां बचे पांच मजदूर दहशत में आ गए। अपराधियों के जाने के बाद किसकी गांव के फ्रांसिस के घर जाकर शरण ली। इसके बाद अपने ठेकेदारों को सूचना दी। अपराधियों ने मजदूर के मोबाइल से ही कॉल कर पेटी ठेकेदार अयूब से 15 लाख रुपये की फिरौती मांगी। फिरौती की रकम नहीं देने पर जान से मारने की धमकी भी दी। इसपर पेटी ठेकेदार ने खुद को दिहाड़ी मजदूरों का ठेकेदार बताया और मजदूर को भी गरीब बताया। इसपर अपराधियों ने गुरुवार की शाम करीब छह बजे उन्हें छोड़ दिया। छोड़ने के बाद मजदूर को खूंटी में एक बस में अपराधियों ने बैठा दिया था। दसमाइल चौक पर वापस पहुंचे तो ठेकेदार उसे अपने साथ ले गया।

करमा में जाने वाला था घर, हो गया अगवा वापस लौटने के बाद अपहृत एतवा ने बताया कि वह लगातार बिना साप्ताहिक छुट्टी लिए काम कर रहा था। करमा पर्व मनाने के लिए कुछ ओवर टाइम कर पैसे की जुगत में था, लेकिन करमा से एक दिन पहले ही अगवा हो गया। उसका कहना है किसी तरह जान बच गई। वह पिछले 20 दिनों से काम पर लगा था।

E-Paper