एक और धमाके से दिल्ली पुलिस को खुली चुनौती, विस्फोट के लिए इस जगह को क्यों चुना?

स्थानीय लोगों का कहना है कि इलाके में पुलिस की मौजूदगी में ऐसी घटना को फिर से अंजाम देना, पुलिस को खुली चुनौती है। हालांकि, धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि पुलिसकर्मी तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गए थे।

प्रशांत विहार इलाके में बृहस्पतिवार सुबह एक पार्क के पास मिठाई की दुकान के सामने जोरदार धमाका हुआ।धमाके में घटनास्थल पर मौजूद एक टेंपो चालक घायल हो गया। एक माह पहले इसी इलाके में स्थित सीआरपीएफ स्कूल की दीवार के पास जोरदार धमाका हुआ था। इस मामले में अभी तक पुलिस को आरोपियों के बारे में कोई सुराग नहीं मिला है।

पुलिस ने मामला दर्ज किया
धमाके के मामले में पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। प्रशांत विहार थाना पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ खतरनाक हथियारों या साधनों से स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाने, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम के तहत दर्ज किया है। बृहस्पतिवार को बी ब्लॉक में हुए धमाके में एक टेंपो चालक घायल हो गया था।

पुलिस को जांच के दौरान मौके से टाइमर, डेटोनेटर, बैटरी, घड़ी, तार आदि नहीं मिले हैं। प्रारंभिक जांच के बाद पुलिस को इसमें भी नाइट्रेट व हाइड्रोजन पैराक्साइड केमिकल का इस्तेमाल किए जाने की आशंका है, जिसे उच्च श्रेणी का विस्फोटक नहीं माना जाता है। आशंका है कि कूड़े में रखे विस्फोटक पर चालक के बीड़ी फेंकने से धमाका हुआ है। पुलिस ने घटनास्थल के आस पास लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच कर रही है।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुबह करीब 11.47 बजे प्रशांत विहार में बंसी वाला मिठाई की दुकान के सामने विस्फोट होने की सूचना मिली। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने विस्फोट स्थल के आस पास सफेद पाउडर बिखरा हुआ देखा। वहां पुलिस को एक मालवाहक टेंपो चालक चेतन कुशवाह (28) घायल अवस्था में मिला। पुलिस ने उसे तुरंत अंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया। जहां से उसे इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई। पुलिस ने तुरंत घटना की जानकारी बम निरोधक शाखा, फोरेंसिक टीम, श्वान दस्ता, स्पेशल सेल, क्राइम ब्रांच, सुरक्षा एजेंसियों और दमकल विभाग को दी।

सूचना मिलते ही सभी एजेंसियां मौके पर पहुंचकर छानबीन शुरू कर दी। पुलिस ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी। जांच पड़ताल के दौरान पुलिस को मौके से सफेद पाउडर मिला। अधिकारियों ने बताया कि फोरेंसिक टीम मौके से मिले साक्ष्य को इकट्ठा करने के बाद इसकी जांच में जुट गई है। मौके पर एसपीजी के कमांडो और एनआईए की टीम पहुंचकर मौके से मिले साक्ष्य की जांच कर रही है। पुलिस ने घायल चालक से पूछताछ कर विस्फोट के बारे में जानकारी हासिल कर रही है। दिल्ली पुलिस ने प्रशांत विहार विस्फोट मामले में प्रशांत विहार थाने में संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

प्रशांत विहार में जिस जगह पर धमाका हुआ, उससे महज तीन सौ मीटर दूर दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा का कार्यालय है, जबकि सौ मीटर दूर पुलिस पोस्ट है। ऐसा माना जा रहा है कि विस्फोट करने वाले ने फिर ऐसी जगह को निशाना बनाया, जहां पर हमेशा पुलिस की चहलकदमी होती है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इलाके में पुलिस की मौजूदगी में ऐसी घटना को फिर से अंजाम देना, पुलिस को खुली चुनौती है। हालांकि, धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि पुलिसकर्मी तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गए थे।

इधर, धमाके वाली जगह से बीस मीटर दूर रहने वाली कल्पना शर्मा का टेंपो चालक चेतन कुशवाहा रोज की तरह ब्रेड सप्लाई करने के लिए आया था। कल्पना के दो टेंपो हैं। इनसे वे ब्रेड-दूध की सप्लाई करवाती हैं। कल्पना ने बताया कि सुबह दोनों चालक आए तो पता चला कि एक टेंपो खराब है। इसके बाद एक चालक मैकेनिक को बुलाने चला गया। इस बीच अचानक जोरदार धमाका हुआ। इससे चेतन घायल हो गया। उसकी आंख और होंठ में काफी चोट लगी। पुलिस ने उसे आंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से प्राथमिक इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई। मूलरूप से मुरैना निवासी चेतन समयपुर बादली में परिवार के साथ रहता है। उसकी एक साल पहले ही शादी हुई थी। पुलिस चेतन से पूछताछ कर रही है।

किसी ने कहा- टायर फटा है, धुआं देखकर संदेह हुआ
धमाका होते ही अफरातफरी मच गई और लोग इधर-उधर भागते देखे गए। विस्फोट की आवाज सुनते ही पीवीआर में आए लोग बाहर निकल गए। लोगों को पता ही नहीं चल रहा था कि आखिर धुआं कहां से आ रहा है। चश्मदीद कृष्ण कुमार गुप्ता ने बताया कि वह रोज की तरह 11:30 बजे वीर सावरकर पार्क में जा रहे थे। अचानक पार्क के गेट के पास जोरदार धमाका हुआ। कोई कह रहा था कि टायर फट गया है, लेकिन सफेद रंग के धुएं को देखकर उन्हें कुछ संदेह हुआ। धमाके से पहले यहां एक कार खड़ी थी। चालक जांच करने के बाद कार लेकर चला गया। इसके अलावा कुछ रेहड़ी वाले मौजूद थे, जो बाल-बाल बच गए।

चश्मदीद बलवंत जैन ने बताया कि धमाके की आवाज सुनकर वे पार्क से बाहर निकले तो सफेद धुआं निकल रहा था। वहीं, पार्क में मौजूद भीमसेन ने बताया कि धमाका होते ही घटनास्थल पर पहले काला फिर सफेद धुआं निकला जो ऊपर की ओर चला गया। चश्मदीदों ने मौके पर सफेद पाउडर देखा। ज्यादातर लोगों को टायर फटने या फिर बैटरी फटने का संदेह हुआ। परचून की दुकान चलाने वाले महिंदर सिंह ने बताया कि धुएं से आंखों में जलन होने लगी और गले में तेज चुभन महसूस हुई। जूस विक्रेता मुकेश ने बताया कि इलाके में दूसरी बार धमाका होने से उन्हें व परिवार को चिंता सता रही है।

स्कूल के बच्चों में फैली दहशत
धमाके वाली जगह से 300 मीटर दूर एक निजी स्कूल है। स्कूल में छठी से 12वीं कक्षा तक के छात्र पढ़ते हैं। जोरदार धमाका होने से स्कूल में पढ़ रहे बच्चे सहम गए थे। घटना की जानकारी मिलने के बाद अभिभावक भी तुरंत स्कूल पहुंच गए, लेकिन स्कूल प्रशासन ने बच्चों की छुट्टी करने से मना कर दिया। स्कूल प्रशासन ने अभिभावकों को बताया कि धमाके से बच्चे सहम थे, लेकिन सुरक्षित हैं। ऐसे में वे किसी भी बच्चे को स्कूल से बाहर जाने की अनुमति नहीं देंगे।

देश की राजधानी भी सुरक्षित नहीं : सिसोदिया
पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक्स पर कहा कि 40 दिन पहले एक धमाका हुआ था। उसके बारे में कुछ पता ही नहीं चला, अब एक और धमाका हो गया। लोग रंगदारी, ड्रग माफिया और अपराधियों के साए में जी रहे हैं। जब देश की राजधानी में लोग सुरक्षित नहीं है तो कहां सुरक्षित होंगे। गृहमंत्री अमित शाह को जिम्मेदारी लेनी चाहिए। अगर उनसे कानून व्यवस्था नहीं संभल रही है तो जिम्मेदारी किसी और को देनी चाहिए। सीएम आतिशी ने कहा कि जहां धमाका हुआ, वहां से कुछ ही दूरी पर सीआरपीएफ स्कूल के पास भी अक्तूबर में धमाका हुआ था। दिल्ली में लगातार वसूली, गोली चलने और हत्या की घटनाएं सामने आ रही हैं। केंद्र सरकार कानून व्यवस्था को बनाए रखे।

कानून व्यवस्था की बुरी हालत
प्रेसवार्ता में केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में कानून व्यवस्था की बुरी हालत होती जा रही है। खासकर एक-डेढ़ साल से अपराध बढ़ता जा रहा है। व्यापारियों को वसूली के कॉल आ रही हैं। महिलाओं के खिलाफ छेड़छाड़ और हत्याओं के मामले बढ़ते जा रहे हैं। कई वर्षों के बाद दिल्ली में लगातार गैंगवार हो रही हैं।

केजरीवाल का विकास का दावा खोखला : सचदेवा
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि केजरीवाल के दिल्ली में विकास व सुशासन के दावे पूरी तरह खोखले हैं। उनके हर दावे के पीछे केवल प्रचार प्रपंच का खेल होता है। केजरीवाल दूसरों से सवाल पूछते हैं, लेकिन दिल्ली की जनता के पास उनकी हर योजना की असफलता एवं भ्रष्टाचार पर अनेकों सवाल हैं। केजरीवाल बताएं कि दिल्ली में इस वर्ष ठंड लगने, अस्पताल में आग लगने, सरकारी आश्रय गृह में इलाज के अभाव और जलभराव में डूबने व सड़कों पर करंट लगने से हुई मौतों का जिम्मेदार कौन है? दिल्ली की जनता इसका सीधा जवाब चाहती है।

आशा किरण होम में हुई 15 मौतों के साथ ही जनवरी में हुई 180 बेघरों की ठंड से मौत पर केजरीवाल और सीएम को दिल्ली वालों के प्रति जवाबदेही बनती है। केजरीवाल ने दिल्ली की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए, जबकि वे जानते हैं कि अधिकांश मामलों में दिल्ली पुलिस 24 से 48 घंटे में अपराधियों दबोच लेती है। इसके बावजूद केजरीवाल अपनी सरकार की विफलताओं को छुपाने के लिए ध्यान भटका रहे हैं।

11 महीने में दिल्ली में तीसरा धमाका
दिल्ली में बीते 11 महीने में यह तीसरी बार है, जब इस तरह का धमाका हुआ है। 26 दिसंबर को इस्राइल दूतावास के पीछे भी इसी तरह का धमाका हुआ था। उसमें भी जन-धन का कुछ खास नुकसान नहीं हुआ था, लेकिन हाई प्रोफाइल सिक्योरिटी वाले इलाके में धमाके से सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ गए थे। इसके बाद करीब 40 दिन पहले प्रशांत विहार में ही धमाका हुआ था। इस बीच, देश में कई स्थानों पर रेल पटरियां अवरुद्ध कर ट्रेन पलटाने के प्रयास किए गए हैं और राजधानी सहित देश के कई हिस्सों में स्कूलों व अस्पतालों में बम धमाके की धमकी भरे मेल आते रहे हैं। वहीं, विमानों को बम से उड़ाने की धमकियां भी दी जा रही हैं, जिनसे विमान सेवा प्रभावित हो रही है।

वहीं, प्रशांत विहार में 20 अक्तूबर को सीआरपीएफ स्कूल की दीवार के पास तेज धमाके ने दिल्ली में दहशत फैला दी। उसकी आवाज भी दूर तक सुनी गई थी। धमाके से दुकानों पर लगे लगे सीसीटीवी कैमरे गिर गए या उनकी दिशा बदल गई थी। यहां भी सफेद पाउडर मिला था। धमाका इतना जोरदार था कि स्कूल की मजबूत दीवार में छेद हो गया और आसपास की दुकानें और वाहन क्षतिग्रस्त हो गए थे। धमाके की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) समेत केंद्रीय एजेंसियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया था। अभी तक मामले में पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला है।

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