बाढ़ में हुई भारी तबाही से अब तक 34 लोगों की मौत, 2 लापता

 घाना के उत्तरी इलाके में भारी बारिश के बाद आई बाढ़ और पड़ोसी देश बुरकीना फासो के एक बांध से छोड़े गए पानी की वजह से 34 लोगों की मौत हो गई. राहत कार्य में लगे एजेंसी के अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. घाना के उत्तरी इलाके में भारी बारिश के बाद आई बाढ़ और पड़ोसी देश बुरकीना फासो के एक बांध से छोड़े गए पानी की वजह से 34 लोगों की मौत हो गई. राहत कार्य में लगे एजेंसी के अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.  बुरकीना फासो का बागरे बांध वाइट वोल्टा नदी पर बना हुआ है. यह नदी बुरकीना फासो से निकलती है और ब्लैक वोल्टा झरने के साथ मिलकर दक्षिण घाना के वोल्टा झील में पहुंचती है. घाना के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संगठन के प्रमुख सेजी साजी ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है और राहत दल बाढ़ से प्रभावित लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है. अधिकारियों के अनुसार, "उन्हें अभी तक इस बाढ़ के दौरान 34 लोगों की मौत होने और दो के लापता होने की सूचना मिली है."  माना जा रहा है इस बाढ़ के कारण उत्तरी घाना के इलाके में रहने वाले कम से कम 52,000 लोग प्रभावित हुए हैं. फिलहाल राहत कार्य में लगी राहत एजेंसी बाढ़ की वजह से हुए नुकसान का आकलन कर रही है. आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों ने चेतावनी जारी कर वहां रह रहे लोगोंं को नदी के किनारों से दूर रहने को कहा है. वहीं अन्य लोगों को आसपास के उंचाई वाले इलाकों में जाने की सलाह दी गई है.   बाढ़ से जूझ रहे केरल की मदद के लिए UAE ने दिया 700 करोड़ रुपये देने का प्रस्'€à¤¤à¤¾à¤µ इस साल भारत के केरल में भी आई थी भीषण बाढ़. (फाइल फोटो)  फिलहाल घाना के राष्ट्रपति नाना अकूफो-अद्दो और उनकी सरकार के मंत्री इस बाढ़ के बाद भी अब तक प्रभावित लोगों से मिलने नहीं पहुंचे हैं. इसकी वजह से उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. वहीं घाना में काम कर रही स्वयंसेवी संस्था ऑक्सफेम की कैंपेंन मैनेजर जकारिआ सुलेमान का कहना है कि ऐसी घटना के बाद देश के राजनीतिज्ञों को अपना ध्यान इस पर लगाना चाहिए.  जकारिया ने आम लोगोंं से बाढ़ पीड़ितों के सहयोग के लिए पूरे देश को साथ आने की अपील की. इससे पहले 1999 में भी उत्तरी घाना का यह इलाका भीषण बाढ़ से प्रभावित हुआ था. इसकी वजह उस दौरान 3 लाख लोग प्रभावित हुए थे.

बुरकीना फासो का बागरे बांध वाइट वोल्टा नदी पर बना हुआ है. यह नदी बुरकीना फासो से निकलती है और ब्लैक वोल्टा झरने के साथ मिलकर दक्षिण घाना के वोल्टा झील में पहुंचती है. घाना के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संगठन के प्रमुख सेजी साजी ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है और राहत दल बाढ़ से प्रभावित लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है. अधिकारियों के अनुसार, “उन्हें अभी तक इस बाढ़ के दौरान 34 लोगों की मौत होने और दो के लापता होने की सूचना मिली है.”

माना जा रहा है इस बाढ़ के कारण उत्तरी घाना के इलाके में रहने वाले कम से कम 52,000 लोग प्रभावित हुए हैं. फिलहाल राहत कार्य में लगी राहत एजेंसी बाढ़ की वजह से हुए नुकसान का आकलन कर रही है. आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों ने चेतावनी जारी कर वहां रह रहे लोगोंं को नदी के किनारों से दूर रहने को कहा है. वहीं अन्य लोगों को आसपास के उंचाई वाले इलाकों में जाने की सलाह दी गई है.

इस साल भारत के केरल में भी आई थी भीषण बाढ़. (फाइल फोटो)

फिलहाल घाना के राष्ट्रपति नाना अकूफो-अद्दो और उनकी सरकार के मंत्री इस बाढ़ के बाद भी अब तक प्रभावित लोगों से मिलने नहीं पहुंचे हैं. इसकी वजह से उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. वहीं घाना में काम कर रही स्वयंसेवी संस्था ऑक्सफेम की कैंपेंन मैनेजर जकारिआ सुलेमान का कहना है कि ऐसी घटना के बाद देश के राजनीतिज्ञों को अपना ध्यान इस पर लगाना चाहिए.

जकारिया ने आम लोगोंं से बाढ़ पीड़ितों के सहयोग के लिए पूरे देश को साथ आने की अपील की. इससे पहले 1999 में भी उत्तरी घाना का यह इलाका भीषण बाढ़ से प्रभावित हुआ था. इसकी वजह उस दौरान 3 लाख लोग प्रभावित हुए थे.

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