चार जवानों की हत्या के मामले की गुत्थी को पांच दिन बाद सेना अधिकारियों की ज्वाइंट टीम ने सुलझा ली..

बठिंडा सैन्‍य छावनी मामले का खुलासा हो गया है। इस हत्याकांड का मुख्य आरोपित कोई ओर नहीं बल्कि इस मामले का चश्मदीद गवाह और गनर देसाई मोहन ही निकाला। आरोपित जावान मारने की वजह निजी रंजिश बताई है। सोते समय जवानों को उतारा मौत के घाट बीती 12 अप्रैल की सुबह बठिंडा सैन्य छावनी में 80 मीडियम रेजिमेंट के चार जवानों की हत्या के मामले की गुत्थी को पांच दिन बाद बठिंडा पुलिस व सेना अधिकारियों की ज्वाइंट टीम ने सुलझा ली है। इस हत्याकांड का मुख्य आरोपित कोई ओर नहीं, बल्कि इस मामले का चश्मदीद गवाह और गनर देसाई मोहन ही निकाला। आरोपित जावान मारने की वजह निजी रंजिश बताई है। उसने बताया है कि उक्त चारों जवान उसे जलील करते थे।P

इंसास राइफल के आठ कारतूस किए थे चोरी

जिसके चलते उसने उन्हें मारने के लिए पहले इंसास राइफल व एलएमजी राइफल के आठ कारतूस चोरी किए। जिसके बाद उसने सोते समय उनके कमरे में जाकर तबड़तोड़ फायरिंग कर उन्हें मौत के घाट उतर दिया और राइफल व बचे हुए कारतूस जंगल में जाकर फेंक दिए।

पुलिस व सेना दोनों ने मामले की अगली कार्रवाई की शुरू

पुलिस ने इंसास राइफल वारदात वाली शाम को ही बरामद कर ली है, जबकि बाकी बचे हुए कारतूस उसकी निशानदेही पर बीती रविवार को बरामद कर लिए गए है। पुलिस ने आरोपित गनर देसाई मोहन को गिरफ्तार कर उसे पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड पर लिया जाएगा, ताकि इस मामले में ओर भी खुलासा किया सके। वहीं पुलिस व सेना दोनों ने अपने स्तर पर मामले की अगली कार्रवाई शुरू कर दी है।

पुलिस को किया था गुमराह

एसएसपी बठिंडा गुलनीत सिंह खुराना ने सोमवार को प्रेसवार्ता करते हुए कहा कि सैनिक छावनी के अंदर हुए इस हत्याकांड को ट्रेस करने के लिए पुलिस व सेना के अधिकारी अपने-अपने स्तर पर जांच कर रहे थे। इस मामले में चश्मदीद गवाह बने गनर देसई मोहन ने वारदात के दिन पुलिस व सेना अधिकारियों को बताया कि इस हत्याकांड को अंजाम दो लोगों ने अंजाम दिया है, जोकि कुर्ता पजामा पहने हुए थे। एक के हाथ में राइफल थी, तो दूसरे के हाथ में कुल्हड़ी।

पुलिस को नहीं मिला था कोई संदिग्‍ध

वारदात को अंजाम देने के बाद वह दोनों जंगल की तरफ भाग गए। जिसके बाद आर्मी ने पूरे कैंट एरिया को सील कर सर्च अभियान चलाया गया, लेकिन कोई भी संदिग्ध नहीं मिला। इसके बाद पुलिस ने जब दोबारा से गनर देसाई मोहन से बयान लिए, तो उसने कुछ बयान बदल दिए। इसके बाद पुलिस की शक की सूई उसकी तरफ चली गई। वहीं पुलिस ने कैंट एरिया के सभी सीसीटीवी कैमरे की फुटेज भी चेक की, लेकिन कोई भी संदिग्ध बाहर से अंदर आने की बात सामने नहीं आई।

गनर देसाई मोहन पर बढ़ा था पुलिस का शक

इसके बाद पुलिस का शक गनर देसाई मोहन पर ओर भी बढ़ गया। एसएसपी ने बताया कि बीती रविवार को गनर देसई मोहन समेत चार जावानों से अलग-अलग पूछताछ की गई। जब गनर देसई मोहन से सख्ती से पूछताछ की, तो उसने अपना जुर्म कबूल करते हुए पुलिस को बताया कि उसने ही उक्त चारों जावानों को मारा है, जिसकी वजह निजी रंजिश है। एसएसपी खुराना ने बताया कि आरोपित ने पुलिस पूछताछ में माना कि उसने 9 अप्रैल की रात को बैरक के नजदीक संतरी पोस्ट पर तैनात संतरी की एलएमजी राइफल के 8 कारतूस चोरी किए और अगले दिन 10 अप्रैल को उसने उसी पोस्ट से एक इंसास राइफल समेत खाली मैगजिन व एक ओर मैगजिन जिसमें 20 कारतूस समेत चोरी की।

काले रंग का कपड़ा व प्लास्टिक का गट्टा किया गया बरामद

12 अप्रैल की सुबह करीब साढ़े चार बजे उसने अपने आपने कमरे में सो रहे चारों जावानों पर फायरिंग कर उनकी हत्या कर दी। एसएसपी ने बताया कि पुलिस टीम ने आरोपित गनर देसाई मोहन की निशानदेही पर 8 रौंद में से 7 व राइफल को लपेट लेकर आने वाले काले रंग का कपड़ा व प्लास्टिक का गट्टा बरामद कर लिया गया है, जबकि इंसास राइफल पहले ही बरामद कर ली गई थी।
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