तीसरे टेस्ट से पहले और बढ़ी विराट की टेंशन, ये हैं तीन बड़ी वजह

दक्षिण अफ्रीका में मेजबान टीम के खिलाफ लगातार दो टेस्ट हारने और उसके बाद प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया से तनातनी की खबरों ने भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली को टेंशन में डाल दिया है। कोहली की टेंशन की वजह एक नहीं तीन-तीन हैं। कोहली की टेंशन की पहली वजह उनकी कप्तानी में अब तक की मिली सबसे बड़ी हार है। कोहली की परेशानी की दूसरी वजह है उस हार के बाद मीडिया से तनातनी की खबरें। तीसरी वजह कुछ ऐसी है जो तीसरे टेस्ट के बाद भी उनका पीछा छोड़ती नहीं दिखती। वो वजह है अंतिम एकादश के चयन को लेकर हो रही आलोचना की।

तीसरे टेस्ट से पहले और बढ़ी विराट की टेंशन, ये हैं तीन बड़ी वजह

इसलिए हो रही कोहली की आलोचना

कप्तान बनने के बाद से लगातार दस सीरीज में अपराजेय रहे विराट को क्रिकेट के इस फॉर्मेट में इतनी बड़ी हार और उससे भी बड़ी आलोचना पहली बार सहनी पड़ी है। यही नहीं दूसरे टेस्ट मैच के बाद उनके एक दक्षिण अफ्रीकी पत्रकार और एक भारतीय पत्रकार के सवालों पर भड़कने की खबरों ने आग में घी का काम कर दिया। टीम प्रबंधन के सूत्रों के मुताबिक, भारतीय कप्तान मीडिया में अपने बारे में आ रही खबरों को लेकर बेहद परेशान हैं। इसको लेकर टीम इंडिया के मीडिया मैनेजर से भी भारतीय कप्तान ने बात की है।

टीम को लेकर सवाल 

विराट को सबसे ज्यादा परेशानी अंतिम एकादश के चयन को लेकर मीडिया की तरफ से उठ रहे सवालों पर है। अजिंक्य रहाणे की जगह रोहित शर्मा और केएल राहुल की जगह शिखर धवन को खिलाने को लेकर सवाल उठे थे तो दूसरे टेस्ट में रहाणे को फिर नहीं रखने पर प्रश्नचिन्ह लगा। यही नहीं दूसरे टेस्ट में भुवनेश्वर कुमार को न खिलाना भी बड़ा सवाल बना। इसको लेकर पूछे गए सवाल पर ही विराट की दो पत्रकारों से तनातनी हो गई थी। इसमें कोई दोराय नहीं है कि रोहित शर्मा और विराट में अच्छी दोस्ती है। रोहित के साले बंटी सजदेह की कंपनी ही विराट का सारा काम देखती है। रोहित को विदेशी पिचों पर खराब खिलाड़ी माना जाता है। ऐसे में रहाणे बनाम रोहित होना विराट की सवाल पर साख तो खड़े करता ही है।

तीसरा टेस्ट मैच जीतने पर जोर

भारत को तीसरा टेस्ट मैच बुधवार से जोहानिसबर्ग के वांडरर्स स्टेडियम में खेलना है। यहां की पिच भी तेज और बाउंसी होती है। भारतीय प्रबंधन तीसरा टेस्ट मैच जीतकर उसके बाद होने वाली छह वनडे व तीन टी-20 मैचों की सीरीज के लिए आत्मविश्वास अर्जित करना चाहता है। दूसरा टेस्ट मैच हारने के बाद तो विराट इतना परेशान थे कि उन्होंने किसी से बात नहीं की थी। उसके अगले दिन उन्होंने और टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्री ने चेतेश्वर पुजारा, पार्थिव पटेल और हार्दिक पांड्या से बात की। सूत्रों के मुताबिक, शास्त्री ने पुजारा से कहा कि आपसे ऐसी उम्मीद नहीं थी। पुजारा दूसरे टेस्ट में दोनों पारियों में रनआउट हुए थे। यही नहीं शास्त्री ने पटेल की बल्लेबाजी की तारीफ की, लेकिन उन्हें विकेटकीपिंग सुधारने की नसीहत मिली। उनसे यह भी कहा गया कि मेरे और भरत अरुण के बाद आप सीनियर खिलाड़ी हो। ऐसे में आपसे ज्यादा अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है।

टीम पर ज्यादा दबाव नहीं बनाना चाहता प्रबंधन 

भारतीय टीम की हार के बाद शिखर धवन ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि दिल बड़ा दुखता है जब निर्णय अपनी तरफ नहीं आते पर हार बर्दाश्त करना भी जरूरी है और गलतियों से सीख कर तगड़ा बनना भी जरूरी है। अगले मैच के लिए भी तैयारी जारी है। टीम प्रबंधन खिलाड़ियों पर ज्यादा दबाव नहीं बनाना चाहता और उसने जो खिलाड़ी घूमने जाना चाहते थे उन्हें अफ्रीकन सफारी जाने की अनुमति दे दी। भारतीय प्रबंधन का मानना है कि टीम पर ज्यादा दबाव बनाया गया तो हालत और भी खराब हो सकते हैं क्योंकि अभी दौरा बहुत बड़ा है।

देखो और इंतजार करो की रणनीति पर बीसीसीआइ

भारतीय टीम के खराब प्रदर्शन के बावजूद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) कोई भी एक्शन लेने के मूड में नहीं है। खुद में उलझे बीसीसीआइ के पदाधिकारी अभी टीम प्रबंधन और भारतीय कप्तान को कोई सख्त संदेश नहीं भेजना चाहते हैं। बोर्ड के एक पदाधिकारी ने कहा कि विराट की कप्तानी में भारत ने लगातार नौ टेस्ट सीरीज जीतीं जबकि एक ड्रॉ रही। उनकी कप्तानी में टीम इंडिया पहली बार कोई टेस्ट सीरीज हारी है। ऐसे में बहुत ज्यादा सख्त होने की जरूरत नहीं है। अभी 24 जनवरी से जोहानिसबर्ग टेस्ट शुरू होना है। टीम पुरानी बातों को भूलकर आगे बढ़ेगी। दूसरा टेस्ट हारने के बाद जब आइसीसी ने विराट कोहली को वर्ष का सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर, वर्ष का सर्वश्रेष्ठ वनडे क्रिकेटर और आइसीसी की वनडे व टेस्ट टीम का कप्तान घोषित किया था तो बीसीसीआइ के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना ने उनकी तारीफ में कसीदे गढ़े थे। उनकी तरफ से संदेश जारी करके कहा गया है कि पूरे देश को कोहली पर गर्व होना चाहिए। विराट को इस मुकाम तक पहुंचाने में उनकी फिटनेस बेहद महत्वपूर्ण है। बीसीसीआइ की तरफ से फिलहाल भारतीय कप्तान को कोई खतरा नजर नहीं आता है।

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