कोरोना से जीत रहे पर साइटोकाइन स्टार्म से हार रहे जिंदगी, सामने आया मरीजों की मौत का नया कारण

 इंदौर स्थित दो बड़े अस्पतालों में भर्ती पुलिस अधिकारियों के स्वजन की मौत ने डाक्टरों को हैरान कर दिया है। कोविड-19 से संक्रमित होने के कारण भर्ती हुए दोनों मरीजों ने कोरोना से तो जंग जीत ली थी, लेकिन वे साइटोकाइन स्टार्म से जिंदगी हार गए। साइटोकाइन शरीर में मौजूद प्रोटीन की एक श्रृंखला होती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करती है। चिकित्सकों के मुताबिक, कोरोना वायरस शरीर में प्रवेश करते ही कोशिकाओं पर हमला बोलता है और इनको नष्ट करने के उद्देश्य से तेजी से अपनी कापी बनाने लगता है। इम्यून सिस्टम को यह संकेत मिलता है कि शरीर में वायरस ने प्रवेश कर लिया है तो वह साइटोकाइन संवाद स्थापित करता है।

संक्रमित कोशिकाओं को नष्ट होने का संकेत देता है ताकि वायरस स्वस्थ कोशिकाओं में प्रवेश न कर सके। ऐसी स्थिति में इम्यून सिस्टम अधिक संख्या में साइटोकाइन पैदा कर देता है, जिसे साइटोकाइन स्टार्म कहा जाता है। अधिक संख्या हो जाने के कारण यह फेफड़ों की स्वस्थ कोशिकाओं भी नष्ट करने लगता है।

केस-1

एक पुलिस अधिकारी के पिता को कोरोना संक्रमित होने पर इंदौर के सांवेर रोड स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था। यहां उनकी तबीयत में सुधार हुआ और रिपोर्ट भी निगेटिव आ गई, लेकिन घर ले जाते ही स्वास्थ्य खराब हो गया। स्वजन ने न्यूरो फिजिशियन की सलाह ली तो डाक्टर ने बताया कि उन्हें साइटोकाइन स्टार्म आया है।

केस-2 

इंदौर के राजेंद्रनगर क्षेत्र स्थित एक बड़े अस्पताल में डीआइजी स्तर के अधिकारी की पत्नी का कोरोना के कारण निधन हो गया। सीटी स्कैन से पता चला कोविड-19 के कारण फैला संक्रमण तो कम हो गया था। आक्सीजन का स्तर भी ठीक ही था, लेकिन अचानक साइटोकाइन स्टार्म के कारण उनकी मौत हो गई।

इंदौर के इंडेक्स अस्पताल के डा. सुधीर मौर्य का कहना है कि साइटोकाइन स्टार्म के कारण तेज बुखार, शरीर में खून जमना जैसी स्थिति पैदा हो जाती है। श्वेत रक्त कोशिकाएं स्वस्थ ऊतकों पर भी हमला करने लगती हैं और फेफड़ों, हृदय, यकृत, आंतों, गुर्दा और जननांग पर प्रतिकूल असर डालती हैं। कोरोना संक्रमितों की मौत की एक वजह यह भी बन रही है।   

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