MP की राजधानी भोपाल में चौकाने वाला दृश्य आया सामने, एक साथ जली 40 से ज्यादा चिताएं

भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोना के बढ़ते आंकड़े सभी को हैरान कर रहे हैं। यहाँ बढ़ते हुए इन आंकड़ों के साथ ही मौत के आंकड़े भी बढ़ते चले जा रहे हैं। कोरोना संक्रमण के चलते मौत तेजी से हो रही है और इसी के चलते यहाँ बड़ी संख्या में चिताएं जल रहीं हैं। यहाँ एक दिन में एक साथ 40 से ज्यादा चिताएं जलती नजर आ रही हैं जो चौकाने वाला दृश्य है। मिली जानकारी के तहत यह सभी कोरोना संक्रमितों के शव थे। एक तस्वीर के हवाले से भोपाल में कोरोना की भयावहता की कहानी फोटो जर्नलिस्ट संजीव ने बताई है।

उन्होंने कहा, ‘गुरुवार शाम जब मैं भदभदा विश्राम पर कोरोना संक्रमितों का अंतिम संस्कार कवर करने गया तो मुझे लगा यहां सामान्य सी ही बात होगी, लेकिन शाम 6 बजे के बाद संक्रमितों के शव आने की स्पीड काफी बढ़ने लगी। इस दौरान मैंने ड्रोन कैमरे और स्टिल कैमरे से कुछ फोटो-वीडियो शूट किए।’ आगे उन्होंने कहा, ‘उस वक्त वहां एक साथ 45 शव जल रहे थे। नीचे से तो पता नहीं चल रहा था, लेकिन जैसे ही मैं ड्रोन थोड़ी ऊंचाई पर ले गया तो स्क्रीन पर जो नजारा दिखा, उसे देखकर हैरान रह गया। यहां शाम करीब साढ़े सात बजे तक शव आने का सिलसिला जारी था। मैंने 1984 में हुई भोपाल गैस त्रासदी के दौरान भी फोटो क्लिक किए थे, लेकिन इतना भयावह दृश्य मैंने आज तक नहीं देखा था।’

इसी के साथ उन्होंने बताया, ‘फोटो क्लिक करते समय ऐसा माेमेंट भी आया जिसने मुझे पूरी रात बेचैन किए रखा। जब मैं फोटो क्लिक कर रहा था, उस दौरान 10 से 12 साल की उम्र के भाई-बहन मेरे पास ही खड़े थे। भदभदा विश्राम घाट के विद्युत शवदाह गृह से निकलते काले धुएं की ओर इशारा करते हुए उस बच्ची ने मुझसे कहा- अंकल, मेरी मम्मी जा रही हैं, प्लीज उनका एक फोटो खींच लो। वो क्षण और दृश्य ऐसा था, कि भुलाए नहीं भूलता, रातभर मेरे कानों में उस बच्ची की आवाज गूंजती रही। मैं पूरी रात सो नहीं सका। मैं तो यही कहूंगा कि हे ईश्वर, इस महामारी को अब जल्दी खत्म करो और धरती पर दया करो।’

संजीव का कहना है, ‘उन्हें नहीं पता कि इसमें दोष किसका है, लेकिन प्रशासन और सरकार की लापरवाही तो साफ नजर आती है, क्योंकि शहर में कोरोना मरीजों के लिए न बेड है, न ऑक्सीजन, न ही इंजेक्शन और जरूरी दवा।’ आप सभी को बता दें कि संजीव यूरोपियन फोटो एजेंसी के मध्य प्रदेश के कॉरेस्पॉन्डेंट भी हैं। इसी के साथ ही वह फ्रीलासिंग भी करते हैं। यह सब देखकर यह कहा जा सकता है कि मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण का प्रकोप बहुत बुरा हो चला है। अब न अस्पतालों में जगह है, न ही श्मशानों में। हर दिन मरीजों को लेकर परिजन दर-दर भटक रहे हैं।

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