इस माह में होगा अनौपचारिक शिखर सम्मेलन, PM मोदी यूरोपीय संघ की सरकारों के सभी 27 प्रमुखों के साथ करेंगे बैठक

भारत और यूरोप एक विशेष अनौपचारिक शिखर सम्मेलन की बैठक को लेकर पूरी तैयारी कर रहे हैं. दोनों पक्ष इस बैठक के प्रमुख परिणामों पर भी विचार कर रहे हैं. 8 मई को, पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत, पुर्तगाली शहर पोर्टो में यूरोपीय संघ के सभी 27 प्रमुखों के साथ एक शिखर बैठक करेगा. शिखर सम्मेलन के बाद पीएम नरेंद्र मोदी और पुर्तगाली पीएम एंटोनियो कोस्टा के बीच द्विपक्षीय बैठक होगी, साथ ही भारतीय और यूरोपीय उद्योग के बीच एक व्यापार गोलमेज सम्मेलन भी होगा. यूरोपीय स्रोतों ने कहा है कि, यूरोप और भारत अब अपनी राष्ट्रीय और महाद्वीपीय प्राथमिकताओं में परिवर्तित हो रहे हैं. “हमारी पांच प्राथमिकताएं हैं. ये सभी भारत के लिए भी प्राथमिकताएं हैं.”उन्होंने इन्हें हरित ट्रांजिशन, डिजिटल ट्रांजिशन,  सामाजिक ट्रांजिशन, लचीलापन और “खुलेपन” के रूप में डिस्क्राइब किया है, जो एक बहुध्रुवीय दुनिया की पुन: पुष्टि है.

एशिया में भारत की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण

यूरोपीय संघ ने कहा कि, “यूरोप का मानना ​​है कि एक बहुध्रुवीय एशिया होना चाहिए क्योंकि एशिया में भारत की भूमिका उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी कि यूरोप और एशिया के बीच संबंध.” फरवरी की शुरुआत में चीन और पूर्वी यूरोपीय देशों के बीच 17 +1 शिखर सम्मेलन में एक अभूतपूर्व छह ड्रॉपआउट्स – बुल्गारिया, रोमानिया, स्लोवेनिया और तीन बाल्टिक राज्यों – यूरोप और एशिया में चीन पर निगाहें रखने वालों के बीच भौहें उठाते हुए देखा गया.

यूरोपीय संघ की नई व्यापार नीति का उद्देश्य है भारत के साथ साझेदारी करना

पिछले हफ्ते,  यूरोपीय आयोग के कार्यकारी उपाध्यक्ष, व्यापार के लिए जिम्मेदार वाल्डिस डोंब्रोव्स्की  ने कहा था, “हमने हाल ही में यूरोपीय संघ और भारत के बीच एक उच्च स्तरीय आर्थिक वार्ता की थी और यूरोपीय संघ-भारत शिखर सम्मेलन को ध्यान में रखते हुए हम व्यापार के क्षेत्र में क्या किया जा सकता है, इस पर विकल्प तलाश रहे हैं.” यूरोपीय संघ की नई व्यापार रणनीति का उद्देश्य भारत के साथ एक साझेदारी करना भी है. बता दें कि पुर्तगाल ने जनवरी में ईयू की अध्यक्षता संभाली थी. अधिकारियों ने कहा कि दिलचस्प बात यह है कि 2000 में भारत-यूरोपीय संघ का पहला शिखर सम्मेलन एक पुर्तगाली राष्ट्रपति के अधीन था.

यूरोप को स्वयं के जलवायु कानून को  देनी होगी मंजूरी

2050 तक पहला कार्बन-तटस्थ महाद्वीप बनने के उद्देश्य से यूरोप को अपने स्वयं के जलवायु कानून को मंजूरी देनी होगी. उन्होंने कहा कि डिजिटल ट्रांजिशन आत्म-व्याख्यात्मक है. महामारी के बाद सामाजिक ट्रांजिशन महत्वपूर्ण हो गया है, जिसमें नागरिकों को महामारी के प्रभाव से बचाने के लिए कदम शामिल होंगे. एक सूत्र ने कहा, “भारत शिखर सम्मेलन के दिन हम एक साथ सामाजिक शिखर सम्मेलन भी करेंगे.”

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