छत्तीसगढ़: 48 घंटे से टेंट में रुके निवेशकों को सीएम से नहीं मिलने दिया

चिटफंड कंपनियों में 800 करोड़ रुपये से ज्यादा रकम फंसा चुके प्रदेश भर के निवेशक, अभिकर्ताओं को 48 घंटे बाद भी मुख्यमंत्री से मिलने का समय नहीं मिल पाया। हालांकि जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बजट सत्र का हवाला देते हुए निवेशकों को आश्वासन दिया कि सत्र समाप्ति के बाद ही सीएम से मिलने का समय मिल पाएगा, लिहाजा आप लोग वापस अपने-अपने घरों को लौट जाए।

राजधानी पहुंचे करीब डेढ़ सौ निवेशकों में से करीब 15 निवेशक ही बूढ़ातालाब स्थित धरना स्थल पर टेंट लगाकर ठहरे हुए हैं। सोमवार को धमतरी से पैदल मार्च करते हुए बुधवार को सीएम हाउस का घेराव करने राजधानी पहुंचे 22 जिलों के निवेशक, अभिकर्ताओं को पचपेड़ी नाका में ही रोक लिया गया था। पुलिस व प्रशासन की टीम सभी को बूढ़ातालाब धरना स्थल पर लेकर आई, जहां दिन भर नारेबाजी का दौर चला।

रात में सभी लोग टेंट लगाकर वहीं रुक गए। जिला प्रशासन की तरफ से गुरुवार को सीएम हाउस में निवेशकों के एक प्रतिनिधि मंडल को मिलाने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन दिन भर गुजर जाने के बाद भी कोई खबर नहीं आई, तब अधिकतर लोग अपने घर लौट गए।

छतीसगढ़ अभिकर्ता एवं उपभोक्ता सेवा संघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी भूपेंद्र पटेल ने बताया कि चिटफंड कंपनियों से पीड़ित निवेशकों की जमा पूंजी की वापसी की मांग को लेकर एक मार्च 2016 को विशाल धरना-प्रदर्शन राजधानी रायपुर में किया गया था। उस समय कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल धरना प्रदर्शन को समर्थन देने पहुंचे थे।

यही नहीं, दो मार्च 2016 को ग्राम सकरी (विधानसभा) घेराव में संघ का नेतृत्व भी उन्होंने किया था। संघ के प्रदेश अध्यक्ष गगन कुंभकार की 42 दिन की भूख हड़ताल के समय भी बघेल ने अपने हाथों से जूस पिलाकर अनशन खत्म कराया था।

विधानसभा चुनाव के दौरान संघ की जिला व संभागीय सभाओं में भूपेश बघेल ने यह घोषणा की थी कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने पर चिटफंड में फंसे पैसे की ब्याज समेत वापसी कराई जाएगी, लेकिन आज कांग्रेस सरकार बनने के ढाई साल बाद भी निवेशकों को उनकी रकम वापस नहीं मिली। प्रदेश के 22 जिलों के 80 हजार निवेशकों के 800 करोड़ रुपये से अधिक चिटफंड कंपनियों में फंसे हुए हैं। कंपनियों के संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई भी धीमी गति से चल रही है।

नहीं पहुंचे कोई कांग्रेसी

पीड़ित निवेशकों को उम्मीद थी कि उनके पास कांग्रेस के बड़े नेता आकर जरूर उनका दर्द सुनेंगे, लेकिन 48 घंटे गुजर जाने के बाद भी कोई नेता नहीं आया। इसे लेकर निवेशकों में भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि कांग्रेस सरकार बनने से पहले सभी आकर न्याय दिलाने का वायदा करते थे। अब जब सरकार बन गई, तब कोई सुध नहीं ले रहा है। मुख्यमंत्री को तत्काल मिलने के लिए समय देना चाहिए।

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