पाकिस्तान के खिलाफ बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने छेड़ी जंग

पाकिस्तान में अब बाजवा आर्मी के खिलाफ बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने आर पार की जंग छेड़ दी है। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने फैसला कर लिया है कि अगर बाजवा की आर्मी एक बलूच नागरिक को मारेगी तो बदले में बलूचिस्तानी लड़ाके बाजवा के 4 जवानों को मारेंगे। साफ है कि पाकिस्तान अब टूट की कगार पर पहुंच गया है।

बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने पाकिस्तानी सरकार को वो जख्म दिए हैं, जिसे इमरान खान लंबे समय तक याद रखेंगे। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने गुरूवार को बलूचिस्तान के कोहलू जिले के कहान इलाके में अर्धसैनिकों पर हमला किया। हथियारों से लैस लिबरेशन आर्मी ने एक सुरक्षा जांच चौकी पर अंधाधुंध फायरिंग की। इस हमले में पाकिस्तान अर्द्धसैनिक बलों के चार जवानों की मौत हो गई।

इसके अलावा बलूचिस्तान के पश्चिमी बाइपास इलाके में भी हुए एक हमले में 1 पाकिस्तानी जवान की मौत हुई है जबकि दो जवान घायल है। ऐसा पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान की आर्मी बलूचिस्तान आर्मी के निशाने पर आई हो, बदले की आग में जल रही बलूचिस्तान आर्मी ने 27 दिसंबर 2020 को पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में हमला किया, जिसमें सात पाकिस्तानी सैनिकों मारे गए थे।

16 अक्टूबर 2020 को दक्षिण-पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान में अर्धसैनिक बलों के तेल और गैस कर्मचारियों के काफिले पर हमला हुआ था जिसमें बाजवा के 7 सैनिक मारे गए थे।
7 जुलाई 2020 को नॉर्थ वजीरिस्तान में भी सैनिकों पर हमला हुआ, जिसमें 4 सैनिकों की मौत हुई।
18 जुलाई 2020 को बलूचिस्तान लड़ाकों के हमले में गई 16 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हुई थी।
2 जनवरी 2019 को भी बलूचिस्तान में बलूचिस्तान लड़ाकों ने हमला किया था, जिसमें 4 सैनिकों की मौत हुई थी।

पाकिस्तान एक तरफ आतंकियों पर कार्रवाई का ढोंग कर रहा है। दूसरी तरफ आतंकियों को आतंक फैलाने के लिए मदद कर रहा है। नोबेल पुरस्कार विजेता मलाल यूसुफ जई को एक बार फिर तालिबान आतंकी ने जान से मारने की धमकी दी है। धमकी भी उसी तालिबानी आतंकी एहसान ने दी है, जिसने 9 साल पहले मलाला को गोली मारी थी। आतंकी एहसान जेल में बंद था, लेकिन जनवरी में अचानक फरार हो गया था। मलाला ने इमरान सरकार पर हमले बोलते हुए कहा, ‘यह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का पूर्व प्रवक्ता है, जो मुझ पर और कई निर्दोष लोगों पर हमले का दावा करता है। वह अब सोशल मीडिया पर लोगों को धमकी दे रहा है, सवाल है कि आखिर वह कैसे हिरासत से भाग गया?’

तालिबानी आतंकी एहसान पर पाकिस्तानी सेना के पब्लिक स्कूल पर 2014 में आतंकी हमले का भी आरोप है, जिसमें 134 बच्चों की मौत हो गई थी। पाकिस्तान में खूंखार आतंकी सलाखों से बाहर आकर सरेआम धमकी देता है और कठपुतली खान को कानों कान खबर तक नहीं होती। साफ है इमरान आतंकवादियों की ढाल बन गए है, जिसका खामियाजा पूरा पाकिस्तान भुगत रहा है।

पाकिस्तान में अब बाजवा आर्मी के खिलाफ बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने आर पार की जंग छेड़ दी है। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने फैसला कर लिया है कि अगर बाजवा की आर्मी एक बलूच नागरिक को मारेगी तो बदले में बलूचिस्तानी लड़ाके बाजवा के 4 जवानों को मारेंगे। साफ है कि पाकिस्तान अब टूट की कगार पर पहुंच गया है।

बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने पाकिस्तानी सरकार को वो जख्म दिए हैं, जिसे इमरान खान लंबे समय तक याद रखेंगे। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने गुरूवार को बलूचिस्तान के कोहलू जिले के कहान इलाके में अर्धसैनिकों पर हमला किया। हथियारों से लैस लिबरेशन आर्मी ने एक सुरक्षा जांच चौकी पर अंधाधुंध फायरिंग की। इस हमले में पाकिस्तान अर्द्धसैनिक बलों के चार जवानों की मौत हो गई।

इसके अलावा बलूचिस्तान के पश्चिमी बाइपास इलाके में भी हुए एक हमले में 1 पाकिस्तानी जवान की मौत हुई है जबकि दो जवान घायल है। ऐसा पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान की आर्मी बलूचिस्तान आर्मी के निशाने पर आई हो, बदले की आग में जल रही बलूचिस्तान आर्मी ने 27 दिसंबर 2020 को पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में हमला किया, जिसमें सात पाकिस्तानी सैनिकों मारे गए थे।

16 अक्टूबर 2020 को दक्षिण-पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान में अर्धसैनिक बलों के तेल और गैस कर्मचारियों के काफिले पर हमला हुआ था जिसमें बाजवा के 7 सैनिक मारे गए थे।
7 जुलाई 2020 को नॉर्थ वजीरिस्तान में भी सैनिकों पर हमला हुआ, जिसमें 4 सैनिकों की मौत हुई।
18 जुलाई 2020 को बलूचिस्तान लड़ाकों के हमले में गई 16 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हुई थी।
2 जनवरी 2019 को भी बलूचिस्तान में बलूचिस्तान लड़ाकों ने हमला किया था, जिसमें 4 सैनिकों की मौत हुई थी।

पाकिस्तान एक तरफ आतंकियों पर कार्रवाई का ढोंग कर रहा है। दूसरी तरफ आतंकियों को आतंक फैलाने के लिए मदद कर रहा है। नोबेल पुरस्कार विजेता मलाल यूसुफ जई को एक बार फिर तालिबान आतंकी ने जान से मारने की धमकी दी है। धमकी भी उसी तालिबानी आतंकी एहसान ने दी है, जिसने 9 साल पहले मलाला को गोली मारी थी। आतंकी एहसान जेल में बंद था, लेकिन जनवरी में अचानक फरार हो गया था। मलाला ने इमरान सरकार पर हमले बोलते हुए कहा, ‘यह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का पूर्व प्रवक्ता है, जो मुझ पर और कई निर्दोष लोगों पर हमले का दावा करता है। वह अब सोशल मीडिया पर लोगों को धमकी दे रहा है, सवाल है कि आखिर वह कैसे हिरासत से भाग गया?’

तालिबानी आतंकी एहसान पर पाकिस्तानी सेना के पब्लिक स्कूल पर 2014 में आतंकी हमले का भी आरोप है, जिसमें 134 बच्चों की मौत हो गई थी। पाकिस्तान में खूंखार आतंकी सलाखों से बाहर आकर सरेआम धमकी देता है और कठपुतली खान को कानों कान खबर तक नहीं होती। साफ है इमरान आतंकवादियों की ढाल बन गए है, जिसका खामियाजा पूरा पाकिस्तान भुगत रहा है।

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