चाणक्य नीति: इन चार बातों का जो रखते हैं ध्यान, उन्हें मिलता है धन और सम्मान

चाणक्य नीति की सबसे विशेष बात ये है कि ये व्यक्ति को सफल बनने के लिए प्रेरित करती है. कोई भी व्यक्ति जीवन में असफल नहीं होना चाहता है. सफल होने के लिए व्यक्ति कठोर परिश्रम करता है. कई चीजों का त्याग करने के बाद ही व्यक्ति को सफलता का स्वाद चखने को मिलता है. चाणक्य ने भी माना है कि बिना परिश्रम और त्याग के सफलता की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. सफलता का रास्ता बहुत ही कठिन है. इस पर वही चल कर अपनी मंजिल को प्राप्त करता है जिसमें साहस और लगन होती है.

आचार्य चाणक्य के अनुसार असली सफलता वही है जिसका लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति को भी महसूस हो. जब व्यक्ति इस बात को ध्यान मे रखकर अपने लक्ष्यों को प्राप्त करता है तो उसे हर जगह मान सम्मान की प्राप्ति होती है. लक्ष्मी जी की कृपा भी ऐसे लोगों को प्राप्त होती है. आचार्य चाणक्य के अनुसार व्यक्ति अगर अपने जीवन में इन चार चीजों को अपना ले तो उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है. आइए जानते हैं इनके बारे में-

परिश्रम से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है
चाणक्य के अनुसार लक्ष्मी का आर्शीवाद पाने के लिए व्यक्ति को कभी मेहनत से नहीं भागना चाहिए. जो व्यक्ति जितना परिश्रम करने उसके सफल होने की संभावना उतनी ही प्रबल होती है. आचार्य चाणक्य परिश्रम के महत्व के बारे में बताते हैं कि जो व्यक्ति परिश्रम करता है उसके पास गरीबी और दरिद्रता कभी नहीं आती है.

अध्यात्म की शक्ति को पहचानो
चाणक्य के अनुसार धर्म और अध्यात्म व्यक्ति को उसके कर्तव्यों का बोध कराते है. हर व्यक्ति की कुछ विशेष जिम्मेदारियां होती है इन्हें पूरा करने का प्रयास करना चाहिए. अध्यात्म की शक्ति से व्यक्ति का मन साफ रहता है. ऐसे व्यक्ति गलत और अनैतिक कार्यों को करने से बचते हैं.

मौन की शक्ति को पहचानो
चाणक्य के अनुसार कलह और विवाद व्यक्ति का नाश करते हैं. इनसे दूर रहना चाहिए. इससे बचने के लिए मौन को अपनाएं. मौन रहने से विवाह और कलह को टाला जा सकता है.

सर्तक और सावधान रहें
चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को सदैव सर्तक औ सावधान रहना चाहिए. जो व्यक्ति इन बातों को ध्यान रखते हैं वे संकट आने पर भयभीत नहीं होते हैं. जीवन से भय का नाश करना चाहिए. इसके लिए व्यक्ति सदैव सर्तक रहना चाहिए. जागृत अवस्था में रहना चाहिए.

E-Paper