चीन की हालत खराब, आइसक्रीम, शहद और चीनी तक से लोगों में फैल रहा है कोविड-19

चीन बार बार दावा कर रहा है कि उसने कोरोना पर पूरी तरह नियंत्रण कर लिया है। चीन दुनिया को कह रहा है कि कोरोना से निपटने के लिए दुनिया उससे वैक्सीन खरीदे, लेकिन सच्चाई ये है कि चीन ने कोरोना को लेकर एक बार फिर सफेद झूठ बोला है। चीन में हालात इतने खराब हैं कि अब इंसान से इंसान में फैलने वाला कोरोना आइसक्रीम, शहद और चीनी तक से फैल रहा है।

वैज्ञानिकों ने अब तक कोरोना के वायरस कोविड 19 के 4 स्ट्रेन खोजे हैं, लेकिन अब चीन में कोरोना के नए वायरस मिल रहे हैं। महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक कोरोना वायरस को लेकर कई शोध सामने आए, जिनमें हर बार अलग ही वायरस का प्रकार सामने आता रहा है। ये नए स्ट्रेन लगातार लोगों को डराते रहे हैं, लेकिन अब खाने की सामान में भी वायरस मिलना दुनिया के लिए खौफनाक साबित हो सकता है।

चीन की राजधानी बीजिंग से सटे हुए तियानजिन शहर में आइसक्रीम में छुपे कोरोना वायरस का पता चला है। आइसक्रीम के तीन सैंपलों में कोरोना वायरस पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है। आइसक्रीम में कोरोना संक्रमण की बात सामने आने के बाद प्रशासन अलर्ट हो गया है और अब उन लोगों की तलाश की जा रही, जिनमें संक्रमण का खतरा है।

मामला सामने आने के बाद चीन के आम लोगों से लेकर सरकार तक में हड़कंप मच गया। मामला चीन की राजधानी बीजिंग के पास का है। इसलिए जिनपिंग की कम्युनिस्ट सरकार ज्यादा परेशान है। आइसक्रीम जैसी ठंडी चीज में भी कोरोना का जिंदा वायरस मिलने के बाद तुरंत एक्शन हुआ।

चीनी सरकार ने पूरे इलाके में हर तरह की आइसक्रीम बेचने पर रोक लगा दी है। जिस दाकियाओदाओ फूड कंपनी की आइसक्रीम में कोरोना वायर की पुष्टि हुई है, उस कंपनी को भी सील कर दिया गया है1 जिस तरह बर्ड फ्लू की घटनाएं आने के बाद पूरी दुनिया में चिकिन और दूसरे पक्षियों को मारा जा रहा है, उसी तरह चीन में कंटेनर के कंटेनर आइसक्रीम को नष्ट किया जा रहा है। पूरे चीन में आइसक्रीम के पुराने और नए स्टॉक की जांच की जा रही है।

वुहान में कीड़ों और चमगादड़ों के बाजार से फैला कोरोना पूरी दुनिया पर कहर बनकर टूटा है। अब तक चमगादड़ से इंसानों तक और फिर इंसानों से इंसानों तक कोरोना फैल रहा था, लेकिन अब तो मेड इन चाइना सामान भी कोरोना फैला रहे हैं। खतरे की बात ये है कि आइसक्रीम जैसे फ्रोजन सामान में भी जिंदा कोविड 19 वायरस मिल रहा है।

ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक 4,836 बॉक्स में कोरोना वायरस संक्रमण की जानकारी मिली है। इसमें से 2,089 बॉक्‍स तो स्टोरेज में सील करके रखे हुए हैं, लेकिन 1812 बॉक्स को दूसरे राज्यों में भेज दिया गया था और आइसक्रीम के 935 पैकेट स्थानीय बाजार में भी पहुंच गए। हालांकि चीन का दावा है कि इनमें से केवल 65 आइसक्रीम के पैकेट ही बिके हैं और जिन ग्राहकों ने ये आइसक्रीम खरीदी उन्हें जानकारी देने के लिए कहा गया है, लेकिन चीन आंकड़ों को लेकर जबर्दस्त हेराफेरी करता है।

आइसक्रीम बनाने वाली कंपनी ने 1662 कर्मचारियों को सेल्फ-आइसोलेशन में जाने के लिए कहा है। साथ ही सभी कर्मचारियों की जांच करवाई जा रही है। चीन की सरकार का दावा है कि आइसक्रीम फैक्ट्री और आइस्क्रीम पार्लर में काम करने वाले 700 स्टाफ की रिपोर्ट नेगेटिव आई है, लेकिन चीनी अधिकारी ये बताने को तैयार नहीं है कि कोरोना जांच के दौरान कितने लोग कोरोना पॉजिटिव हैं। चीन के सरकारी भौंपू ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि चीनी सरकार दुकानदारों और इन आइसक्रीम के पैकेट्स के संपर्क में आने वाले हर इंसान को आइसोलेट कर रही है और संक्रमित आइस्क्रीम के 2089 डिब्बे नष्ट कर दिये गए हैं।

ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक आइसक्रीम में न्यूज़ीलैंड में बना दूध का पाउडर और यूक्रेन का छाछ पाउडर इस्तेमाल किया गया था और वहां से वायरस आइसक्रीम में पहुंचा है। हालांकि ग्लोबल टाइम्स के इस दावे पर शायद ही किसी को यकीन होगा, क्योंकि चीन की सरकार हमेशा ये कहती रही है कि ये बीमारी किसी दूसरे देश से उसके देश में पहुंची थी। लेकिन विदेशी वैज्ञानिक कोरोना वायरस के लिए चीन को ही जिम्मेदार बताते रहे हैं। अब चीन की सरकार कह रही है कि उसकी आइसक्रीम में मिला कोरोना वायरस भी दूसरे देशों से आए मिल्क पाउडर में छिपकर आया है।

ये किसी से छिपा नहीं है कि किलर कोरोना मेड इन चाइना प्रोडक्ट है, लेकिन चीन कभी कुबूल नहीं करेगा कि ये उसने बनाया है। इसी लिए कुछ दिन पहले खबर आई थी कि कोरोना के ऑरिजन की जांच करने वुहान पहुंची डब्लूएचओ की टीम को चीन ने अपना काम नहीं करने दिया था।

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