कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अभी से चुनौतियों को साधने में जुटी, UK के इन दो जिलों में बढ़ाई सक्रियता

कृषि कानूनों के खिलाफ लामबंद आंदोलन को समर्थन दे रही कांग्रेस को उम्मीद है कि किसानों के बीच उसकी पैठ मजबूत होगी। पार्टी अपनी इसी रणनीति के तहत किसानों के बीच अपनी सक्रियता बढ़ाने में लगी है। किसान बहुल जिलों ऊधमसिंहनगर और हरिद्वार को ध्यान में रखकर ही इस बार कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव का गुरुवार से तीन दिनी उत्तराखंड दौरा तय किया गया है।

कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अभी से चुनौतियों को साधने में जुट गई है। किसानों के असर वाले और विधानसभा सीटों के लिहाज से दो बड़े जिलों ऊधमसिंहनगर और हरिद्वार पर पार्टी ने नजरें गड़ा दी हैं। इसी वजह से इन जिलों में पार्टी किसानों के असंतोष को हवा दे रही है। पिछले चुनाव में इन दोनों ही जिलों में पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। खासतौर पर ऊधमसिंहनगर को लेकर उसकी रणनीति पिछले चुनाव में पूरी तरह उलट गई थी।

अलबत्ता हरिद्वार में तीन सीटें बचाने में कामयाबी मिल गई थी। पार्टी के रणनीतिकार ये मानने लगे हैं कि आने वाले दिनों में उत्तराखंड में भाजपा तो बड़ी चुनौती के रूप में सामने है ही, साथ में आम आदमी पार्टी जिसतरह अपनी सक्रियता बढ़ा रही है, पार्टी उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहती। दिल्ली की सत्ता पर बैठी आम आदमी पार्टी की उत्तराखंड में सक्रियता को लेकर कांग्रेस में अंदरखाने हलचल है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह से लेकर तमाम दिग्गज आप को अपने लिए चुनौती मानने को सिरे से खारिज कर रहे हैं।

प्रीतम सिंह तो यहां तक कह चुके हैं कि 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नंबर-एक रहेगी। दूसरे स्थान पर भाजपा और आप के बीच लड़ाई होनी है। हालांकि बातों ही बातों में प्रीतम सिंह ने आप को लेकर सावधान होने के संकेत दे दिए। कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने जिसतरह अपने पहले कुमाऊं दौरे में ऊधमसिंहनगर जिले को चुना, उसे किसानों को साधने के साथ ही दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के दौरे की काट के तौर पर देखा जा रहा है। आप ने देहरादून के साथ ही हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर में गतिविधियां बढ़ा रही है। जवाब में कांग्रेस की सक्रियता में भी इजाफा साफतौर पर दिखने लगा है।

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