किसानों आंदोलन के चलते चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर बंद, इन रास्तों का करें इस्तेमाल

तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर सिंघु बॉर्डर पर चल रहा धरना प्रदर्शन शुक्रवार को 37वें दिन में प्रवेश कर गया है, वहीं प्रदर्शनकारी अपनी मांगों को लेकर टस से मस होने को तैयार नहीं है। किसानों के प्रदर्शन के चलते सिंघु, टीकरी के साथ-साथ दिल्ली-यूपी और हरियाणा के कई बॉर्डर सील हैं, जिससे दिल्ली-एनसीआर के हजारों लोगों को रोजाना परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच शुक्रवार सुबह दिल्ली यातायात पुलिस (Delhi Traffic Police) ने जानकारी दी है कि चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर को बंद कर दिया गया है, जिससे नोएडा और गाजियाबाद से आ रहे लोगों को दिक्कत पेश आ सकती है। वहीं, वाहन चालकों को सलाह दी गई है कि यूपी से आने वाले लोग अप्सरा बॉर्डर, भोजपुरा और आनंद विहार के रास्तों की मदद ले सकते हैं।

उधर, सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर एक महीने से अधिक समय से चल रहे धरना-प्रदर्शन के चलते लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खासतौर से दिल्ली-हरियाणा में स्थित सिंघु बॉर्डर बंद होने से कारोबार को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।

वहीं, सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों का गुरुवार को ठंड की वजह से बुरा हाल रहा। धरना स्थल पर बैठने की बात तो दूर किसान दोपहर तक टेंट व ट्रालियों में रजाइयों से बाहर तक नहीं निकले। कुछ बिस्तर छोड़कर उठे भी तो आग जलाकर हाथ ही सेंकते रहे। आलम यह था कि दोपहर में उन्होंने नाश्ता किया। वर्ष 2020 के आखिरी दिन गुरुवार को धरना स्थल पर घना कोहरा छाया रहा। इस वजह से धरना स्थल पर लोग भी नहीं पहुंचे। किसान नेता मंच से किसानों को धरना स्थल पर आकर बैठने की अपील करते रहे, लेकिन ठंड इतनी ज्यादा थी कि दोपहर बाद धूप निकलने पर ही वे धरना स्थल पर पहुंचे।

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