ट्रंप ने अवैध प्रवासियों के पीड़ितों को दिया व्हाइट हाउस आने का न्योता

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भले ही प्रवासी बच्चों को उनके माता-पिता से अलग करने की नो टॉलेरेंस नीति में बदलाव कर दिया है लेकिन अब भी उनका रुख हर पल बदलता हुआ महसूस किया जा रहा है। उन्होंने भारतीय समयानुसार शनिवार तड़के उन अमेरिकियों से मुलाकात की जिनके परिजन अवैध प्रवासियों के हाथों मौत का शिकार हुए हैं। ट्रंप ने कहा कि इन अमेरिकियों ने जो दर्द सहा है वह बेकार नहीं जाएगा। मैं इस बलिदान को बर्बाद नहीं होने दूंगा। ट्रंप ने एंजिल फैमिलीज नामक समूह को व्हाइट हाउस बुलाकर बाकायदा बातचीत की। यह अमेरिका के ऐसे परिवारों को समूह है जिनके परिजन अवैध प्रवासियों के कारण मारे गए हैं।

माना जा रहा है कि अमेरिका समेत पूरी दुनिया में हुए विरोध के बाद ट्रंप ने अवैध प्रवासियों से उनके बच्चों को अलग करने की नीति वापस लेने के बाद वहां के दक्षिणपंथियों को साधने के लिए यह कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि ये ऐसे अमेरिकी नागरिक हैं जो हमेशा के लिए अपने प्रियजनों से दूर हो चुके हैं। हम इन बहादुर अमेरिकियों को एंजिल फैमिली पुकारते हैं।

बैठक में जिन अमेरिकियों को बुलाया गया, वे अपने साथ उन परिजनों की तस्वीरें भी लाए थे जो अवैध प्रवासियों द्वारा मारे गए थे। ट्रंप ने कहा, इनका बलिदान बेकार नहीं जाएगा। मैं आपको निराश नहीं करूंगा, लेकिन इससे और अधिक बुरा होने की कल्पना तक नहीं की जा सकती है। ट्रंप की भाषा उकसाने वाली थी, ताकि नीति वापस लेने के बावजूद उन्हें कट्टरपंथियों का समर्थन मिलता रहे।

पसोपेश में हैं अधिकारी

ट्रंप द्वारा नो टॉलेरेंस नीति पर बैकफुट पर आने के बाद अधिकारियों को अवैध प्रवासियों के बच्चों को उनके माता-पिता से अलग करने से रोकने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन ट्रंप के व्हाइट हाउस में एंजिल फैमिलीज समूह को आमंत्रित अधिकारी पसोपेश में हैं। हालांकि एजेंसियों को सरकारी आदेशों का पालन करना होता है लेकिन इस विरोधाभासी व्यवहार से अधिकारियों पर मनोवैज्ञानिक दबाव पड़ता है।

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