दुनिया की इन 5 ठंडी जगहों पर माइनस से भी नीचे रहता है तापमान, जानिए किस तरह रहते है लोग

उत्तर भारत में ठंड का कहर लगातार बढ़ते जा रहा है। कई शहरों का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे चला गया है। दिल्ली और आसपास के इलाकों में भी पारा 3-4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। इतना ही नहीं राजस्थान के माउंट आबू में भी पारा -1.5 डिग्री सेल्सियस पहुंच चुका है। हालांकि, भारत ही नहीं दुनिया के कई ऐसे देश हैं, जहां हाड़ कंपा देने वाली ठंड पड़ती है। आइए जानते हैं इन जगहों के बारे में विस्तार से…

लद्दाख
अधिक ठंड पड़ने के वजह से लद्दाख भारत से साल में 6 महीने तक कटा रहता है। साल 1995 में लद्दाख के द्रास इलाके में -60 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था। इस साल भी लद्दाख के लेह में माइनस 8.5 डिग्री सेल्सियस और कारगिल का 8.2 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया है। नवंबर महीने से ही लद्दाख में ठंड की तैयारियां शुरु हो जाती हैं।

ओम्याकोन
रूस के साइबेरिया का गांव ओम्याकोन दुनिया का सबसे ठंडा गांव कहा जाता है। ठंड के वजह से यहां पर कोई भी फसल नहीं उगती है। ओम्याकोन के लोग अधिकतर मांस खाकर जिंदा रहते हैं। साल 1924 में इस जगह का तापमान -71.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। 2018 के आंकड़ों के मुताबिक यहां 500 से 900 लोग रहते हैं। इन लोगों पर फ्रॉस्टबाइट या पाला मारने का खतरा हमेशा बना रहता है।

अमेरिका
अमेरिका के कैलिफोर्निया, एरिजोना और ओक्लाहोमा जैसे इलाकों में सबसे अधिक नेटिव अमेरिकन लोग रहते हैं। यहां का तापमान भी माइनस में हो जाता है। यहां के लोग ठंड के दिनों में काफी एहतियात बरतते हैं।

जापान
जापान के भी कई इलाकों में कड़ाके की ठंड पड़ती है। जनवरी 1902 में जापान के शहर असाहीकावा में अब तक का न्यूनतम तापमान -41 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। सर्दियों के दिनों में जापान में लोग कोटैट्सू हीटर का इस्तेमाल करते हैं। यह बहुत आसान लेकिन कारगर तकनीक से बना एक तरह का टेबल होता है। इस छोटे आकार के टेबल को गर्माहट के स्त्रोत के ऊपर रखा जाता है और उसके ऊपर कंबल डाल देते हैं जिससे कि वो गर्म हो जाता है और साथ ही आसपास बैठे लोगों को भी बहुत राहत मिलती है।

कश्मीर
कश्मीर को भारत का स्वर्ग माना जाता है। कश्मीर की खूबसूरत वादियां ठंड के दिनों में जम सी जाती हैं। यहां के बारामूला जिले में तापमान -7.4 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज हो चुका है। कश्मीर में ठंड से बचने के लिए कांगड़ी का इस्तेमाल होता है। मिट्टी के बर्तन में कोयला जलाने को कांगड़ी कहा जाता है। यहां के लोग कांगड़ी अपने ओवरकोट के अंदर लेकर घूमते हैं, जिससे शरीर गर्म रहता है।

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