भारतीय खाद्य निगम मे प्रमोशन के बाद हुए तबादलों पर भ्रष्टाचार का अंदेशा

भारतीय खाद्य निगम मे प्रमोशन के बाद हुए तबादलों से मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों में खासी नाराजगी है, आरोप है कि आंचलिक कार्यालय भारतीय खाद्य निगम मुंबई के अधिकारियों ने मनमाने तरीके से तबादले करके अपने चहेतों को मलाईदार स्थानों पर जगह दी है,

जबकि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के जो कर्मचारी थे उन्हें मनमाने तरीके से इधर-उधर फेंक दिया गया । इन तबादलों को लेकर आंचलिक कार्यालय मुंबई अधिकारियों के भ्रष्ट्राचार में लिप्त होने कयास लगाए जा रहे हैं।

दरअसल जो कर्मचारी गुजरात और महाराष्ट्र रीजन से प्रमोट हुए हैं उनको उसी रीजन में अधिकारियों की मेहरबानी से रखा गया है । जबकि मध्य प्रदेश के 14 और छत्तीसगढ़ के 5 कर्मचारी जो प्रमोट हुए हैं उन्हें महाराष्ट्र और गुजरात भेज दिया गया है।

जबकि छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक धान उपार्जन होता है और मध्य प्रदेश में इस वर्ष गेहूं का रिकॉर्ड उपार्जन हुआ है। जो कि भारत में सर्वप्रथम है, जबकि महाराष्ट्र और गुजरात में स्टाफ अधिक है
उदाहरण के तौर पर डी.ओ. अहमदाबाद जहां महीने की दस रैक खाली होती हैं । वहां 15 सहायक एवं 17 मैनेजर्स हैं जबकि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों की संख्या काफी कम है। इसके पूर्व सितंबर में इसी कार्यालय ने जब मैनेजर्स की पदोन्नति का ऑर्डर हुआ था तब उन्हें यथास्तिथि रखा गया था। बताते चलें कि एक सहायक और मैनेजर के मासिक वेतन में करीब करीब 30000 रूपए का फर्क होता है, इतना ही नहीं इन तबादलों में भारत सरकार के दिव्यांग नीति की साफ तौर पर अवहेलना भी की गई है।

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