सीएम केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में, कृषि कानूनों की फाड़ी कॉपी, जानें पूरा मामला

किसान आंदोलन के दौरान हुई किसानों की मौत पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आप कितनी और शहादत लोगे?

नई दिल्ली: दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन आज 22वें दिन भी जारी है. इस बीच किसान आंदोलन के दौरान हुई किसानों की मौत पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र पर निशाना साधा और उन्होंने कृषि कानूनों की कॉपी दिल्ली विधानसभा में फाड़ी. इससे पहले आप के कई अन्य विधायकों ने भी कानून की कॉपी फाड़ी.

सीएम केजरीवाल ने केंद्र के तीनों नए कृषि कानूनों की प्रतियां फाड़ते हुए कहा कि वह किसानों के साथ विश्वासघात नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा में आज तीन काले कानूनों को ख़ारिज किया गया है और केंद्र सरकार से अपील की है कि इन्हें वापस ले. उन्होंने कहा कि हमारे किसान ठंड में सो रहे हैं.

बीजेपी क्या बोली?

कानून की कॉपी फाड़े जाने पर बीजेपी ने कहा कि यह सीएम दिखावा कर रहे हैं. दिल्ली बीजेपी ने ट्वीट कर कहा, ”केजरीवाल जी आपने तो 23 नवंबर को ही  दिल्ली में केंद्र के कृषि कानून को लागू कर दिया था. किसान भाई और दिल्ली की जनता आपके दोहरे चरित्र से अब परिचित हो चुकी है. ये दिखावा करना बंद करें.”

सीएम केजरीवाल क्या बोले?

सीएम केजरीवाल ने केंद्र से पूछा कि आप कितनी और शहादत लोगे? हर किसान भगत सिंह बन गया है. दिल्ली विधानसभा में सीएम केजरीवाल ने कहा, ”20 से ज्यादा किसान इस आंदोलन में शहीद हो चुके हैं. रोज एक किसान शहीद हो रहा हैं. मैं केंद्र सरकार से पूछना चाहता और कितनी शहादत और कितनी जान आप लोगे?”

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने कहा, ”1907 में हूबहू ऐसा ही आंदोलन हुआ था, पगड़ी सम्भाल जट्टा… 9 महीने तक ये आंदोलन अंग्रेज़ों की खिलाफ चला था. उस आंदोलन की लीडरशिप भगत सिंह के पिता और चाचा ने की थी. उस वक्त भी अंग्रेज सरकार ने कहा था इसमें थोड़े बदलाव कर देंगे. लेकिन किसान डटे रहे. भगत सिंह ने भी क्या इसीलिए कुर्बानी दी थी कि आज़ाद भारत मे किसानों को इस तरह आंदोलन करना पड़ेगा.”

उन्होंने कहा, ”केंद्र का कहना है कि किसान को कानून समझ नहीं आ रहा… आज योगी आदित्यनाथ यूपी में बड़ी रैली कर रहे हैं… मैं सुन रहा था…वो कह रहे हैं तुम्हारी ज़मीन नहीं जाएगी, मंडी बन्द नहीं होगी ये फायदा है क्या? किसी से पूछो तो एक लाइन रटा रखी है किसान अपनी फसल कहीं भी बेच सकते हैं.

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