राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कारों के लिए सरकारी शिक्षक सीधे भेज सकेंगे नाम
जावड़ेकर ने कहा कि नए सिस्टम के मुताबिक सरकारी टीचर के साथ-साथ स्कूल के प्रधानाचार्य भी अपना नाम खुद नामंकित कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि प्रवष्टियां पाने के बाद प्रत्येक जिले से 3 अध्यापकों का चयन किया जाएगा और जिसके बाद हर राज्य से 6 अध्यापक चयनित होंगे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए राष्ट्रीय स्तर पर स्वतंत्र ज्यूरी 50 उत्कृष्ट शिक्षकों या स्कूलों के प्रमुख का चयन करेगी। प्रवष्टियां भेजने के दौरान शिक्षक अपने कामों का वीडियो भी अपलोड कर सकते हैं।
जावड़ेकर ने कहा कि राष्ट्रीय जूरी इनोवेशंस और शिक्षा प्रणाली में क्रांतिकारी परिवर्तन और पढ़ाने के स्टाइल के आधार पर राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों का चयन करेगा। पुरस्कार के लिए शिक्षकों का चयन करते समय पठन-पाठन को बेहतर बनाने में उनकी पहल, उनकी ओर से किए गए प्रयोग, गतिविधियां, सामाजिक गतिविधियां, छात्रों के लिए शारीरिक शिक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाए गए कदमों आदि स्तर पर टीचर्स का आंकलन किया जाता है। उल्लेखनीय है कि शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार वर्ष 1958 से शुरु किए गए थे। भारत के राष्ट्रपति हर साल पांच सितंबर को शिक्षक दिवस के मौके पर प्रतिभाशाली शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित करते हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार/केंद्रशासित प्रदेशों, केंद्र सरकार के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में काम कर रहे सभी शिक्षक, केन्द्रीय विद्यालय (केवी), जवाहर नवोदय विद्यालय (जेएनवी), तिब्बतियों के लिए केंद्रीय विद्यालय (सीटीएसए), रक्षा मंत्रालय (एमओडी) द्वारा संचालित सैनिक स्कूल, परमाणु ऊर्जा शिक्षा सोसाइटी (एईईएस) द्वारा संचालित स्कूल और सीबीएसई और सीआईएससीई से जुड़े स्कूलों के शिक्षक के लिए राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए आवेदन कर सकते हैं।