बचना मुश्किल: किसी भी प्रदेश में एक क्लिक पर होगी, देशभर के अपराधियों की पहचान

देश में कहीं भी अपराध करके दूसरे राज्य में छुपने और बच निकलने वाले अपराधी अब बच नहीं पाएंगे। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो केंद्रीयकृत योजना पर काम कर रहा है जिसके तहत देश के हर राज्य के अपराधियों के फिंगर प्रिंट सहित अन्य तमाम जानकारियां ऑनलाइन उपलब्ध रहेंगी।

भोपाल। देश में कहीं भी अपराध करके दूसरे राज्य में छुपने और बच निकलने वाले अपराधी अब बच नहीं पाएंगे। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ऐसी केंद्रीयकृत योजना पर काम कर रहा है, जिसके तहत देश के हर राज्य के अपराधियों के फिंगर प्रिंट (अंगुली छाप) सहित अन्य तमाम जानकारियां ऑनलाइन उपलब्ध रहेंगी। इसके जरिए किसी भी राज्य की पुलिस देश के किसी भी क्षेत्र के अपराधी की जानकारी प्राप्त कर सकेगी। इससे अपराधियों को पकड़ना आसान होगा। एनसीआरबी ने नेफिस (नेशनल ऑटोमेटेड फिंगर प्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम) प्रोग्राम तय किया है। इसके तहत राष्ट्रीय स्तर पर फिंगर प्रिंट का डेटा बेस तैयार किया जाएगा। सभी राज्य अपने यहां के फिंगर प्रिंट की जानकारी राष्ट्रीय डेटा बेस में दर्ज करेंगे। यह काम अगले दो से तीन महीने में पूरा होने का अनुमान है। मध्य प्रदेश में अपराधियों का डाटा ऑनलाइन करने के लिए व्यवस्थाएं जुटाने पर तेजी से काम शुरू हो चुका है।

पुलिस को नहीं भटकना पड़ेगा राज्य-दर-राज्य

हर राज्य में फिंगर प्रिंट ब्यूरो होता है, जिसमें सजायाफ्ता और गिरफ्तार लोगों के फिंगर प्रिंट लिए जाते हैं। अभी तक इनके आंकड़े राज्यस्तर पर एकत्रित किए जाते रहे हैं। अब सभी राज्यों से यह डाटा राष्ट्रीय स्तर पर भेजकर आनलाइन किया जाएगा। इससे अपराध करके दूसरे राज्य में छुप जाने वाले अपराधियों की पहचान के लिए पुलिस को राज्य-दर-राज्य भटकना नहीं पड़ेगा। पुलिस अपने ही राज्य में बैठे-बैठे आनलाइन सारा डाटा देख सकेगी। फिलहाल पुलिस को अपराधी के रिकार्ड के लिए दूसरे राज्यों में जाना पड़ता है।

मप्र में कई स्थानों पर पहुंचे उपकरण

मध्य प्रदेश में इस सिस्टम को सक्रिय करने के लिए उपकरण पहुंचने लगे हैं। जिलास्तर पर भी इन उपकरणों को लगाया जाएगा। जिलास्तर के अधिकारी इस संबंध में जानकारी राज्यस्तर पर भेजेंगे, जिसे राज्य राष्ट्रीय स्तर पर दर्ज करवाएंगे।

एक राज्य में अपराध कर दूसरे में जा छुपने वाले अपराधियों की पहचान करने का यह अच्छा प्रयास है। इस दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। इस सुविधा से देशभर की पुलिस को समूचे देश में कहीं भी अपराध करने वालों की पहचान करने में आसानी होगी

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