स्वतंत्रता सेनानी सत्यमित्र बख्शी का 94 वर्ष की उम्र में हुआ देहांत, अंतिम दर्शन के लिए एकत्रित हुआ लोगों का हजूम

हिमाचल प्रदेश के ऊना शहर के स्वतंत्रता सेनानी सत्यमित्र बख्शी का 94 वर्ष की उम्र में बृहस्पतिवार को देहांत हो गया।

शुक्रवार दोपहर को राजकीय सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि कर दी गई। जिला मुख्यालय ऊना में सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया तथा वह पंचतत्व में विलीन हुए। इस दौरान शहर के प्रमुख नेताओं तथा प्रशासन ने श्रद्धांजलि अर्पित की।

शुक्रवार को उनके परिसर से अंतिम यात्रा निकाली गई। जिलें के मुख्य बाजार तथा चंडीगढ़ धर्मशाला नेशनल हाईवे होते हुए श्मशान घाट तक अंतिम यात्रा पहुंची। जहां बीजेपी की ओर से वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती एवं कांग्रेस की ओर से ऊना सदर के विधायक सतपाल सिंह रायजादा, स्वतंत्रता सेनानी सत्यभूषण बख्शी के अतिरिक्त एसडीएम डॉ सुरेश जसवाल तथा एसएचओ ऊना गौरव भारद्वाज ने दिवंगत आत्मा को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। भारत माता की जय के उद्घोष के मध्य वयोवृद्ध स्वतंत्रता सेनानी सत्य मित्र बक्शी का अंतिम संस्कार किया गया।

वही बख्शी ने अपने निवास स्थान कांग्रेस गली ऊना में 94 साल की उम्र में अंतिम सांस ली थी। मौत की सुचना पाते ही पूरे जिलें में शोक की लहर दौड़ गई तथा उनको देखने के लिए लोगों का हजूम इकट्ठा हो गया। सन् 1926 में पिता बाबा लक्ष्मण दास आर्य एवं माता दुर्गा बाई आर्य के घर में सत्यमित्र वख्शी ने जन्म लिया। सत्यमित्र का पालन पोषण स्वतंत्रता की जंग में मदद कर रहे परिवार के मध्य हुआ। सत्यमित्र बख्शी आर्य ने जब मां कहना सीखा तो उसी वक़्त उनके कानों में भारत की स्वतंत्रता के नारे गूंजने लगे। बाल्य काल में ही सत्यमित्र भारत के स्वतंत्रता संग्राम का भाग बन गए।

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