दिल्ली को वैक्सीनेशन करने में कितना वक्त लग सकता है: टीकाकरण अधिकारी

कोविड-19 के खिलाफ एक महीने में पूरी दिल्ली का टीकाकरण हो सकता है
अधिकारी ने चरणबद्ध तरीके से टीकाकरण कार्यक्रम चलाने की बात कही

नई दिल्ली: कोविड-19 टीकाकरण अभियान में अस्पताल के कर्मचारियों और नर्सों को भी शामिल कर लिया जाए तो एक महीने में पूरी दिल्ली का टीकाकरण हो सकता है. दिल्ली के टीकाकरण अधिकारी सुरेश सेठ ने गुरुवार को दावा किया.

सेठ ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हमारे पास कोल्ड स्टोरेज के लिए 600 स्थान हैं और बच्चों के टीकाकरण कार्यक्रम के लिए करीब 1800 संपर्क स्थल हैं. वैक्सीन के लिए हमारे पास पर्याप्त उपकरण हैं. दो से आठ डिग्री और जरूरत पड़ने पर शून्य से 15 डिग्री या 25 डिग्री नीचे के तापमान पर रखा जा सकता है. केंद्र सरकार ने आधाभूत ढांचे को मजबूत किया है और उपकरण मुहैया करा रही है.’’

एक महीने में पूरी दिल्ली की आबादी का हो सकता है टीकाकरण-

उन्होंने माना कि शून्य से 70 डिग्री सेल्सियस नीचे के तापमान में वैक्सीन को रखने के लिए उपकरण और आधारभूत ढांचा नहीं हैं लेकिन ‘‘हमें नहीं लगता है कि इस संबंध में कोई दिक्कत होगी क्योंकि चरणबद्ध तरीके से टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जाएगा.’’ सेठ ने बताया कि दिल्ली सरकार स्वास्थ्यकर्मियों के आंकड़े इकट्ठा कर रही है और ये सरकार की प्राथमिकता सूची में शीर्ष पर हैं. उन्होंने दावा किया कि वैक्सीन उपलब्ध होने की सूरत में महज तीन दिनों के अंदर सभी स्वास्थ्यकर्मियों को लगाया जा सकता है.

विशेषज्ञों ने वैक्सीन के लिए आधारभूत ढांचा होने की कही बात-

विशेषज्ञों ने भी सुगमता से समूची आबादी के टीकाकरण के लिए दिल्ली में आधारभूत ढांचा और उपकरण होने की बात कही है. राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में कोविड-19 के नोडल अधिकारी डॉ. अजित जैन ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय राजधानी होने के कारण दिल्ली के पास सारे उपकरण और क्षमता हैं. प्रभावी तरीके से टीकाकरण कार्यक्रम चलाने के लिए बस हमें कर्मियों को प्रशिक्षित करने की जरूरत है.’’ आपको बता दें कि दवा कंपनी फाइजर की विकसित की जा रही कोविड-19 वैक्सीन को शून्य से 70 डिग्री नीचे के तापमान पर रखने की जरूरत होगी. हालांकि, दवा कंपनी मॉडर्ना ने कहा है कि उसकी वैक्सीन को शून्य से 20 डिग्री नीचे के तापमान पर रखा जा सकता है.

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के मुताबिक, ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को ‘फ्रिज’ का तापमान काफी होगा. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के पूर्व महानिदेशक ने भी सहमति जताई है. एन के गांगुली ने कहा कि दो से आठ डिग्री सेल्सियस तापमान पर कोविड-19 वैक्सीन को भंडारित करने के लिए समूचे देश में पर्याप्त ‘आधारभूत ढांचा’ है. उन्होंने बताया, ‘‘वैक्सीन को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए हमारे पास पर्याप्त संख्या में रेफ्रिजरेटेड वैन हैं.’’

उनका कहना है कि देश में केवल भारत बायोटेक के रोटावायरस वैक्सीन को रखने के लिए शून्य से 20 डिग्री सेल्सियस नीचे का तापमान चाहिए. कंपनी ने इसके लिए व्यवस्था कर रखी है. उन्होंने दवा कंपनी फाइजर के बारे में कहा कि कंपनी भारत जैसे विकासशील देशों के लिए वैक्सीन नहीं बना रही. गांगुली ने फाइजर की वैक्सीन की कीमत 1500 डॉलर होने का अनुमान लगाया. लेकिन उनका ये भी कहना है कि वैक्सीन का दाम भारत में 500 रुपये से कम होना चाहिए.

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