अलास्‍का का ऐसा वह शहर, जहां अगले दो महीने तक रहेगा काला अँधेरा

अलास्का का एक छोटा सा कस्‍बा उटाकियागविक अगले दो महीनों तक सूरज की रोशनी नहीं देखेगा क्योंकि यह अपने अंधेरे के वार्षिक चरण में प्रवेश कर चुका है। इस घटना को ध्रुवीय रात के रूप में जाना जाता है।

वाशिंगटन। दुनिया में ऐसी बहुत सी जगहें हैं जहां पर सिर्फ रात होती है और दिन नहीं होता है। कई ऐसी जगह होती है जहां रात नहीं होती है, सिर्फ दिन ही रहता है। अलास्का का एक छोटा सा कस्‍बा उटाकियागविक अगले दो महीनों तक सूरज की रोशनी नहीं देखेगा क्योंकि यह अपने अंधेरे के वार्षिक चरण में प्रवेश कर चुका है। इस घटना को ध्रुवीय रात के रूप में जाना जाता है। ऐसा उटाकियागविक में हर सर्दियों में होती है। उटाकियागविक आर्कटिक सर्कल के उत्तर में स्थित है। छोटे शहर को पहले बैरो के नाम से जाना जाता था।

जानें उटाकियागविक में ऐसा क्‍यों होता है-

60 दिनों से अधिक की अवधि के लिए 19 नवंबर को आखिरी बार सूर्य उगा और उटाकियागविक अगले 60 दिन बिना सूर्य की रोशनी के रहेगा। धरती अपनी धुरी पर साढ़े 23 डिग्री झुकी हुई है। पृथ्वी की धुरी के झुकाव के कारण अलास्का शहर में सर्दियों में यह घटना हर साल होती है।

मौसम विज्ञानी एलिसन किन्चर ने बताया कि ध्रुवीय रात एक सामान्य घटना है जो बैरो (उटाकियागविक) और आर्कटिक सर्कल के अंदर किसी भी अन्य शहरों के लिए हर सर्दियों में होती है। यह झुकाव ऐसा बनाता है कि सूर्य के डिस्क में से कोई भी क्षितिज के ऊपर दिखाई नहीं देता है। धरती पर कुछ हिस्से ऐसे भी हैं, जहां पर कुछ समय के लिए आधी रात को भी सूर्य चमकता हुआ दिखायी देता है। वस्तुत: यहां रात होती ही नहीं है। उत्तरी गोलार्द्ध में आर्कटिक सर्कल वो भाग है जहां वर्ष में 21 जून के आसपास महीनों तक सूर्य नहीं डूबता। ऐसा ही दक्षिणी गोलार्द्ध में भी अंटार्कटिक सर्कल में 22 नवबंर के आसपास होता है। यहां सिर्फ रात ही रहेगी।

अब उटाकियागविक में आगे क्‍या होगा?

एलिसन चिंचार ने कहा कि घटना के बावजूद उत्कीगविक पूरी तरह से अंधेरा नहीं होगा। जब उटाकियागविक में सूर्य उदय होगा तो दिन के दौरान शहर गोधूलि की रोशनी जैसा रहेगा। उन्‍होंने कि सोचें कि सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के ठीक बाद आकाश कैसा दिखता है। अब से 22 जनवरी तक जब सूरज आधिकारिक तौर पर फिर से बढ़ेगा, तब तक यहां सूर्य की रोशनी नहीं दिखाई देगी।

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