डायबिटीज के मरीजों के लिए रामबाण है जामुन का सिरका, ऐसे करें इस्तेमाल

जामुन का पेड़ देश के सभी हिस्सों में आसानी से मिल जाता है। इसे कई नामों से जाना जाता है। अंग्रेजी में इसे ब्लैकबेरी कहा जाता है। इसका स्वाद कसैला और अम्लीय होता है। गांव इलाके में लोग जामुन को नमक के साथ खाते हैं।

नई दिल्ली। डायबिटीज एक लाइलाज बीमारी है। डायबिटीज रोग में रक्त में शर्करा स्तर बढ़ जाता है। साथ ही अग्नाशय से इंसुलिन हार्मोन निकलना बंद हो जाता है। डायबिटीज दो प्रकार के होते हैं। टाइप 1 टायबिटिज और टाइप 2 डायबिटीज। टाइप 2 डायबिटीज अधिक खतरनाक है। यह बीमारी ज्यादातर वयस्कों को होती है। इस बीमारी में दवा के साथ परहेज की विशेष जरूरत होती है। अगर लापरवाही बरतते हैं, तो यह सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। विशेषज्ञों की मानें तो डायबिटीज के मरीजों को खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए और नियमित रूप से एक्सरसाइज करनी चाहिए। जबकि मीठे चीजों से दूरी बनाए रखनी चाहिए। अगर आप भी डायबिटीज के मरीज हैं और अपना ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करना चाहते हैं, तो रोजाना जामुन के सिरके का सेवन करें। आइए जानते हैं-

जामुन का पेड़ देश के सभी हिस्सों में आसानी से मिल जाता है। इसे कई नामों से जाना जाता है। अंग्रेजी में इसे ब्लैकबेरी कहा जाता है। इसका स्वाद कसैला और अम्लीय होता है। गांव इलाके में लोग जामुन को नमक के साथ खाते हैं। डाइट चार्ट के अनुसार, एक एक कप जामुन में 20-25 कैलोरीज पाया जाता है। आयुर्वेद में जामुन का दवा की तरह इस्तेमाल किया जाता है। इस फल में फाइबर, मैग्नीशियम, आयरन और विटामिन-ए, बी, सी, पाए जाते हैं जो सेहत के लिए लाभदायक होते हैं। वहीं, जामुन का सिरका भी सेहत के लिए वरदान साबित होता है। खासकर डायबिटीज के मरीजों के लिए यह अमृत समान है। यह त्वचा, मसूढ़ों और कई अन्य रोगों में गुणकारी है। डायटीशिन हमेशा ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए जामुन के सिरके का सेवन करने की सलाह देते हैं।

कैसे करें सेवन-

रोजाना सुबह में जामुन के सिरके का सेवन करने से डायबिटीज रोग में आराम मिलता है। इसके लिए रोजाना नाश्ते के समय एक चम्मच जामुन के सिरके को आधे गिलास पानी में मिलाकर सेवन करें। इससे ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है। साथ ही पाचन तंत्र मजबूत होता है।

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें

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