बड़े कॉरपोरेट के लिए बड़ी खुशखबरी, अब खोल सकेंगे प्राइवेट बैंक!

नई दिल्ली: देश में नए निजी बैंक खुलने का रास्ता साफ हो गया है। तो निजी बैंकों में प्रोमोटर की हिस्सेदारी को मौजूदा 15 फीसदी से बढ़ाकर 26 फीसदी किया जा सकता है। दरअसल निजी क्षेत्र के बैंकों में मालिकाना हक के गाइडलाइंस और कॉरपोरेट स्ट्रक्चर को लेकर आरबीआई के इंटर्नल वर्किंग ग्रुप ने जो रिपोर्ट सौंपी थी उस रिपोर्ट को आरबीआई ने सार्वजनिक किया है।

आरबीआई के इंटर्नल वर्किंग ग्रुप ने अपनी रिपोर्ट में बैंक के प्रोमोटर की हिस्सेदारी को मौजूदा 15 फीसदी से बढ़ाकर 26 फीसदी करने की सिफारिश की है। तो बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 में संशोधन के बाद बड़े कॉरपोरेट और इंडस्ट्रियल हाउसेस भी बैंकों के प्रोमोटर बन सकते हैं ।

वैसे गैर बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (एनबीएफसी) जिनका पूंजी 50,000 करोड़ रुपये से अधिक है और 10 साल कारोबार में पूरा हो चुका है उनको बैंक में बदला जा सकता है। पेमेंट्स बैंक जिन्हें 3 साल का अनुभव है उन्हें small finance bank में बदला जा सकता है।

हालांकि नए बैंकों के लिए जरूरी पूंजी को 500 करोड़ से बढ़ाकर 1000 करोड़ रुपये और small finance bank के लिए पूंजी को 200 करोड़ से बढाकर 300 करोड़ रुपये करने की सिफारिश की गई है। आरबीआई ने 12 जून 2020 को इंटर्नल वर्किंग ग्रुप का गठन किया।

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