हार पर कांग्रेस में मचा हाहाकार, बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल और मदन मोहन ने भेजा इस्‍तीफा

पटना। बिहार में विधानसभा की 70 सीटों पर चुनाव लड़कर 51 पर पराजय का सामना कर रही कांग्रेस में हार के साथ ही हाहाकार मचा हुआ है। उठापटक का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की समीक्षा बैठक के बीच कांग्रेस के बिहार प्रभारी व सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश कर दी है। इसी कड़ी में बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा ने भी हार की सारी जिम्मेदारी अपने सिर लेते हुए पार्टी नेतृत्व को अपना इस्तीफा भेजा है। हालांकि अब तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है।

करिश्‍मा से कोसो दूर रह गई कांग्रेस-

बिहार के विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिए काफी अहम थे। चुनाव की अहमियत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राहुल गांधी ने प्रदेश नेतृत्व की बजाय चुनाव का सारा दारोमदार अपनी केंद्रीय टीम को सौंप दिया था। दरअसल बिहार चुनाव की नजर से राहुल बंगाल और उत्तर प्रदेश में होने वाले चुनाव को देख रहे थे। खुद राहुल गांधी ने बिहार चुनाव में काफी समय दिया और तीन चरणों में होने वाले चुनाव के दौरान राहुल ने यहां आठ चुनावी सभाएं की। बावजूद पार्टी को जिस करिश्मे की उम्मीद थी वह नतीजों में नहीं दिखाई दी।

जारी है राहुल गांधी की समीक्षा-

51 सीटें हारने के बाद पार्टी ने हार के कारणों की समीक्षा शुरू कर दी है। राहुल गांधी खुद समीक्षा में जुटे हैं। बुधवार को शुरू हुआ समीक्षा का सिलसिला गुरुवार को भी जारी है। इस बीच दिल्ली से ऐसी जानकारी सामने आई कि बिहार प्रभारी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए पार्टी नेतृत्व को इस्तीफे की पेशकश की है। मसले पर शक्ति सिंह गोहिल ने जागरण को बताया कि वे बीमार हैं और अस्पताल में भर्ती हैं। पार्टी की राजनीति को वे पब्लिक प्लेटफार्म पर लाना नहीं चाहते। जबकि पार्टी सूत्रों ने बताया कि बुधवार को ही गोहिल ने इस्तीफा देने की पेशकश की जिसे पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने यह कहकर खारिज कर दिया कि इस्तीफा देने का यह प्लेटफार्म नहीं।

प्रदेश कांग्रेस का नेतृत्‍व बदल सकता है हाईकमान-

इधर बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा ने भी इस मुद्दे पर कोई भी बात करने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा उनका जो भी फैसला होगा उससे वे पार्टी नेतृत्व को अवगत कराएंगे। पार्टी अपना जो फैसला लेगी वह उन्हें मंजूर होगा। इन दो नेताओं के साथ चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष डॉ. अखिलेश सिंह भी इस्तीफा की भी चर्चा थी। हालांकि अखिलेश ने ऐसा करने से साफ इंकार कर दिया। उन्होंने कहा वे मैदान छोडऩे वाले नेता नहीं हैं। बहरहाल चर्चा ऐसी है कि गोहिल और डॉ. झा के साथ ही कुछ और नेता भी इस्तीफा देना चाहते हैं, हालांकि अब तक वैसे लोगों के नाम सार्वजनिक नहीं हुए हैं।

ऐसी तमाम चर्चा और बैठकों के बीच यह कयास लगाए जा रहे हैं कि हाईकमान बिहार में जल्द ही बड़े बदलाव करने की तैयारी में है और बिहार का नेतृत्व किसी और को सौंपा जा सकता है। पर नए नेतृत्व की जिम्मेदारी पार्टी किसे देगी इसे लेकर अभी कोई कुछ भी कहने से बच रहा है।

E-Paper