चौथी बार नीतीश कुमार के सिर सजेगा सीएम का ताज, बिहार में आत्मनिर्भर बीजेपी

बिहार चुनाव के बाद नीतीश कुमार के घर अहम बैठक होने जा रही है. इसमें सरकार बनाने को लेकर चर्चा की जाएगी. इस बैठक में आरसीपी सिंह, अशोक चौधरी और संजय झा शामिल होंगे.

बिहार की कुल 243 सीटों में कई और सीटें भी हैं जिनमें दो हजार से कम या तीन हजार से कम वोटों के अंतर पर हार और जीत का फैसला हुआ है. कुढ़नी सीट से आरजेडी के अनिल कुमार साहनी ने बीजेपी के केदार प्रसाद गुप्ता को 712 वोट से हराया. बखरी सीट से सीपीआई के सूर्यकांत पासवान ने बीजेपी के रामशंकर पासवान ने 777 वोट से हराया. परबत्ता सीट से जेडीयू के संजीव सिंह ने आरजेडी के दिगंबर प्रसाद तिवारी को 951 वोट से हराया.

बिहार में कांटे की टक्कर के बीच नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने 243 में से 125 सीटें जीतकर बहुमत का आंकड़ा (122) पार कर लिया. राज्य में भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनने जा रही है. इस बीच पीएम मोदी आज शाम 6 बजे बीजेपी हेडक्वॉर्टर पहुंचेंगे और बिहार चुनाव में जीत को लेकर कार्यकर्ताओं को संदेश देंगे. इस मौके पर बीजेपी के टॉप लीडर भी मौजूद रहेंगे.

नीतीश कुमार बिहार के सीएम के तौर पर सातवीं बार शपथ लेंगे. सबसे पहले वह 03 मार्च 2000 को मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन बहुमत के अभाव में सात दिन में उनकी सरकार गिर गई. 24 नवंबर 2005 में दूसरी बार उनकी ताजपोशी हुई. 26 नवंबर 2010 में तीसरी बार मुख्यमंत्री बने. 2014 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया लेकिन 22 फरवरी 2015 को चौथी बार मुख्यमंत्री बने. 20 नवंबर 2015 को पांचवी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. फिर आरजेडी का साथ छोड़ा तो बीजेपी के साथ 27 जुलाई 2017 को छठी बार ताजपोशी हुई.

बिहार चुनाव पर दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा है- ‘मैं संघ की विचारधारा का घोर विरोधी हूं क्योंकि वह भारत की सनातनी परंपराओं व सनातन धर्म की मूल भावना के विपरीत है. यह देश सबका है, लेकिन फिर भी मैं उनकी इस बात की प्रशंसा भी करता हूं कि वे अपने लक्ष्य और अपनी विचारधारा के साथ समझौता नहीं करते. केवल समाज को बांट कर राजनीति करते हैं.’

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा,‘बिहार चुनाव में हम कितना फर्जीवाड़ा देखेंगे? किशनगंज से कांग्रेस उम्मीदवार 1,266 मतों से जीता लेकिन उसे जीत का प्रमाण पत्र नहीं दिया गया. लोकतंत्र की हत्या हुई है और जनादेश का अपहरण किया गया.’ सुरजेवाला ने दावा किया कि सकरा में कांग्रेस उम्मीदवार 600 मतों से जीता लेकिन उसे 1,700 मतों के अंत से हारा हुआ घोषित किया गया.

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