भारत की दो-टूक, गिलगित-बाल्टिस्तान की स्‍थ‍िति बदलने की कोशिश ना करे पाक, ऐसा करने का नही है हक़

नई दिल्ली। गिलगिट-बाल्टिस्तान में 15 नवंबर को विधानसभा चुनाव कराने के पाकिस्तान के फैसले की भारत ने गुरुवार को तीखी आलोचना की। भारत का कहना है कि सेना के कब्जे वाले इस क्षेत्र की स्थिति बदलने के किसी भी कार्य का कोई कानूनी आधार नहीं है। वर्चुअल मीडिया ब्रीफिंग में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने इस मुद्दे पर पाकिस्तानी नेतृत्व की ओर से दिए बयान का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों में टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘हमारी स्थिति हमेशा से ही स्पष्ट और समान रही है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सभी क्षेत्र भारत का अभिन्न अंग रहे हैं, हैं और रहेंगे।’ बता दें कि गिलगिट-बाल्टिस्तान में 18 अगस्त को चुनाव कराए जाने थे, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से पाकिस्तानी चुनाव आयोग ने 11 जुलाई को इन्हें स्थगित कर दिया था। वहां पिछली विधानसभा का पांच साल का कार्यकाल 24 जून को ही खत्म हो चुका है।

हाल में ऐसे खबरें आई कि पाकिस्तान गिलगिट-बाल्टिस्तान को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की फिराक में है। पाकिस्‍तान ने इस क्षेत्र में 15 नवंबर को विधानसभा चुनाव कराने का एलान किया है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी ने बुधवार को गिलगिट-बाल्टिस्तान में चुनाव कराने के संबंध में अधिसूचना जारी की। गिलगिट-बाल्टिस्तान में गत 18 अगस्त को ही विधानसभा चुनाव कराया जाना था, लेकिन कोरोना महामारी के चलते इसे स्थगित कर दिया गया था।

दरअसल, हाल ही में कश्मीर और गिलगिट-बाल्टिस्तान मामलों के मंत्री अली अमीन गंडापुर ने कहा था कि प्रधानमंत्री इमरान खान जल्द ही इस क्षेत्र को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का एलान करेंगे। इसके बाद गिलगिट-बाल्टिस्तान को एक पूर्ण राज्य के तौर पर सभी संवैधानिक अधिकार मिल जाएंगे। गत 16 सितंबर को सरकार ने इस मसले पर विपक्षी नेताओं और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के साथ चर्चा की थी।

भारत पहले भी पाकिस्तान को आगाह कर चुका है कि गिलगिट-बाल्टिस्तान पर उसका कोई अधिकार नहीं है। यह पूरा क्षेत्र समेत केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का पूरा इलाका भारत का अभिन्न अंग है, जो विधि सम्मत और अपरिवर्तनीय है। असल में पाकिस्‍तान अपने सदाबहार दोस्‍त चीन की शह पर लगातार उकसावे वाली कार्रवाइयों को अंजाम दे रहा है। पाकिस्‍तान आए दिन सीमा पर सीजफायर का उल्‍लंघन भी कर रहा है।

एससीओ सम्मेलन पर रूस से चर्चा-

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) और ब्रिक्स सम्मेलनों के लिए रूस से निमंत्रण मिलने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उनमें शिरकत करने के बारे में पूछे जाने पर अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ‘सम्मेलन की तिथि तय करने के लिए हम रूस के साथ चर्चा कर रहे हैं और मानक प्रक्रिया के तहत हम इसकी घोषणा करेंगे।’

जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण की कोशिश जारी-

विवादास्पद धर्म उपदेशक जाकिर नाइक के मलेशिया से प्रत्यर्पण के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत लगातार मलेशिया सरकार के संपर्क में था और उसके प्र‌र्त्यपण की कोशिश कर रहा है।

लॉकडाउन के बाद 357 अफगान अल्पसंख्यक भारत पहुंचे-

अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि लॉकडाउन लागू होने के बाद से अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय के 357 सदस्य भारत आए हैं। उन्होंने वहां आतंकियों और उनके प्रयोजकों द्वारा अल्पसंख्यकों का जानबूझकर उत्पीड़न किए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की। प्रवक्ता ने कहा कि मंत्रालय को अफगानिस्तान में रह रहे हिंदुओं और सिखों की ओर से भारत में आकर बसने की अनुमति के लिए कई आवेदन मिलते रहे हैं, लेकिन मार्च में काबुल स्थित गुरुद्वारे पर हुए हमले के बाद इनमें काफी वृद्धि हुई है।

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