जम्मू-कश्मीर को चीन का हिस्सा दिखाकर घिरा Twitter, उठे कई सवाल

ट्विटर इंडिया ने एक नक्शे में जम्मू-कश्मीर को चीन का हिस्सा दिखाया है। माइक्रो ब्लॉगिंग साइट की यह हरकत सामने आते ही विरोध शुरू हो गया है। ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) की कंचन गुप्ता ने इस मुद्दे को उठाया है।

गुप्ता ने ट्वीट किया, ‘ट्विटर ने अब भूगोल बदलने का फैसला कर लिया है और जम्मू-कश्मीर को चीन का हिस्सा घोषित कर दिया है। यह भारतीय कानूनों का उल्लंघन नहीं है तो क्या है? क्या अमेरिकी कंपनी कानून से ऊपर है?’ गुप्ता ने टेलीकॉम एवं आइटी मंत्री रवि शंकर प्रसाद को टैग किया है। कई इंटरनेट यूजर्स ने भी सरकार से संज्ञान लेते हुए ट्विटर इंडिया के खिलाफ कदम उठाने की अपील की है। एक अन्य ट्वीट में कंचन गुप्ता ने कहा कि यह ऐसे ही हो जाने वाली गलती नहीं है। एक यूजर ने लिखा, ‘सोशल मीडिया क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों को ऐसी बेवकूफियों के लिए जवाबदेह बनाया जाना चाहिए।’ एक अन्य यूजर ने लिखा, ‘इसका संज्ञान लेते हुए ट्विटर इंडिया के खिलाफ कदम उठाया जाए। वे भारतीय संप्रभुता का मजाक नहीं बना सकते।’

बता दें कि पिछले कुछ महिनों से भारत और चीन के बीच संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं। दोनों के देशों के बीच कई स्तर की बातचीत के बाद भी हालात सुधरे नहीं हैं। अब दोनों देशों के बीच कार्प कमांडर स्तर की आठवें दौर की बातचीत होगी और इसमें मुख्य तौर पर यही बात होगी कि दोनों तरफ की सेनाएं एक साथ मई, 2020 से पहले वाली स्थिति में जाने की शुरुआत करें। जानकार मान रहे हैं कि छठे व सातवें दौर की बातचीत में जिन प्रस्तावों पर बातचीत हुई थी उसकी प्रगति की समीक्षा इसमें होगी। सूत्रों के मुताबिक अगर सब कुछ ठीक रहा तो सैन्य स्तर की अगली वार्ता सोमवार (19 अक्टूबर) को हो सकती है।

अगस्त, 2020 में जब से भारतीय सैन्य बलों ने चुशूल क्षेत्र के रणनीतिक हिसाब से कुछ महत्वपूर्ण उंचाइयों पर कब्जा किया है उसके बाद बैठकों में चीन का रुख बदला हुआ है। यह भी उल्लेखनीय तथ्य यह है कि इसके बाद दो बार कार्प कमांडर स्तर की वार्ता में दोनों पक्षों की तरफ से संयुक्त बयान जारी करने का फैसला किया गया। भारतीय पक्षकार इसे एक सकारात्मक बदलाव के तौर पर देख रहे हैं। 12 अक्टूबर को चुशूल बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में बातचीत को सकारात्मक व एक दूसरे की स्थिति को बेहतर तरीके से समझने वाला करार दिया गया था।

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