मध्य प्रदेश के दो लाख प्राथमिक शिक्षकों को नहीं मिला सितंबर का वेतन

प्रदेश के दो लाख शिक्षकों को पिछले माह ([सितंबर)] का वेतन अब तक नहीं मिला है। इसमें करीब डेढ़ लाख प्राथमिक और 50 हजार सहायक शिक्षक हैं। इससे शिक्षकों का त्योहार फीका पड़ रहा है। इस मामले में स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री का कहना है कि संविलियन के कारण प्राथमिक शिक्षकों के बजट का बदल गया है। इस संबंध में वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजा है, जल्द ही भुगतान होगा। वहीं शिक्षकों का कहना है कि प्राथमिक शिक्षकों का संविलियन हुए एक साल हो गया, लेकिन सहायक शिक्षक तो पुराने हैं, फिर उन्हें क्यों नहीं वेतन मिल रहा? वहीं विभाग के अधिकारियों का कहना है कि तकनीकी ग़़डब़़डी के कारण वेतन नहीं मिला है। एक-दो दिन में इसे सुधार लिया जाएगा।

शिक्षक संगठन इस मुद्दे पर आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं। मप्र शिक्षक कांग्रेस, शासकीय अध्यापक संगठन और शिक्षा समिति मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ का कहना है कि अगर एक-दो दिन में वेतन नहीं मिला तो आंदोलन करेंगे।उनका तर्क है कि हर बार प्रायमरी शिक्षकों का ही वेतन नहीं मिलता। त्योहार के समय में ऐसा होता है। रक्षाबंधन पर भी समय से वेतन नहीं मिला था।

सिंधिया की रैली में किसान की मौत पर सियासत

बता दें कि इस वक्त मध्य प्रदेश में उप-चुनाव होने हैं। ऐसे में चुनावी सरगर्मी बनी हुई है। राज्य में इस भाजपा के स्टार प्रचारक ज्योतिरादित्य सिंधिया की मांधाता विधानसभा सीट उपचुनाव के लिए रविवार को मूंदी में आयोजित जनसभा में एक बुजुर्ग किसान की कथित रूप से दिल का दौरा पड़ने के चलते सियासत हो रही है। कांग्रेस सीधे तौर पर बुर्जुग की हत्या के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा रही है वहीं सिंधिया ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कांग्रेसी घाटिया राजनीति कर रहे हैं। 

तो इमरती देवी पर भाजपा ने कांग्रेस को घेरा

वहीं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ डबरा विधानसभा क्षेत्र में आयोजित एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। जहां उन्होंने भाषण देते हुए जुबान को गंदा किया। उन्होंने बात कहते हुए कैबिनेट मंत्री इमरती देवी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की। कमलनाथ ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रत्याशी एवं कैबिनेट मंत्री इमरती देवी को गलत नाम से पुकारा था। जिसका भाजपा विरोध कर रही है।

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