हजरत अली की शहादत मे उठा जुलूस

हजारों की संख्या में शामिल हुए अकीदत सीतापुर मोहम्मद साहब के दामाद व शिया मुसलमानों के पहले इमाम हजरत अली की शहादत का गम शुरू हो चुका है । फज्र (सुबह) की नमाज के बाद शिया जामा मस्जिद 19वीं रमजान का जुलूस निकाला गया  जूलूस मे काफी तादात में शिया समुदाय के लोग शामिल हुए। लोगों ने ताबूत की जियारत (दर्शन )कर उसका बोसा (चूमा) लिया।

बताते चले कि चौदहसौ साल पहले इराक के कूफा शहर में स्थित कुफे वाली मस्जिद में सुबह की नमाज के दौरान इब्ने मुलजिम नामक व्यक्ति ने हजरत अली पर तलवार से हमला कर दिया था । इसके बाद हजरत अली के बेटे इमाम हसन और इमाम हुसैन उन्हें कम्बल (गिलीम) में लपेट कर मस्जिद से घर लाए थे।

तीन दिन के बाद 21 रमजान को हजरत अली शहीद हो गए। तबसे शिया समुदाय हजरत अली की शहादत का गम 19 से 21 रमजान तक मनाते हैं। इस दौरान वो काले कपड़े पहनते हैं और किसी भी खुशी के माहौल में शरीक नहीं होते हैं।

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