कामवासना के भूखे होते हैं ऐसे मर्द, दूर रहना ही महिलाओं के लिए बेहतर!

धर्मनीति, कूटनीति और राजनीति में पारंगत महाज्ञानी कौटिल्य ने अपने ज्ञान के दम पर चंद्रगुप्त मौर्य को राजा तक बना दिया था। दुनिया उन्हें आचार्य चाणक्य के नाम से जानती है। चाणक्य की पहचान एक चतुर और बुद्धिमान आचार्य के रूप में की जाती है, जिन्होंने अपना ज्ञान सिर्फ अपने तक ही सीमित नहीं रखा बल्कि संसार के समग्र मुष्यों तक पहुंचाने का काम भी किया है।

आज विकास और बदलाव के युग में भी आचार्य चाणक्य चाणक्य की नीतियां लोगों के बीच खास महत्व रखती है। चाणक्य ने अपनी बहुत किताबों में ऐसी कई बातों का उल्लेख किया है जो मनुष्यों के लिए कल्याणकारी साबित हो सकते हैं। आचार्य के इन बातों का अनुसरण कर कोई भी मनुष्य अपने जीवन को बेहतर बना सकता है।वैसे तो आचार्य चाणक्य ने कई सारी बातें बताए है, जिनमें से एक कामवासना भी मुख्य है। कामवासना को लेकर आचार्य की ये बाते आपको हैरान कर सकती हैं, लेकिन जब आप इन बातों पर विचार करते हुए अपने आप-पास देखते हैं तो यह शत प्रतिशत सत्य भी लगता है!

आचार्य चाणक्य ने कहा था कि जो व्यक्ति कीमती कपड़े पहनता है, सजने-संवरने का आदी है और श्रृंगार पर अत्यधिक ध्यान देता है, ऐसे लोगों में कामवासना की भूख समाप्त नही होती बल्कि बढ़ती ही रहती है। इस तरह के मर्दों का सबंध कई महिलाओं के साथ भी हो सकता है।

इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए आचार्य ने आगह भी किया था कि ऐसे मर्दों से दूर रहना ही महिलाओं के लिए बेहत होगा। क्योंकि ये लोग सिर्फ महिलाओं को कामवासना की नज़रों से ही देखते हैं, जैसे इनका काम खत्म हुआ वे आपकी ओर पटलकर भी नहीं देखेंगे। इस तरह के मर्दों से महिलाओं को हमेशा सचेत रहना चाहिए और जितना हो सके उतना दूर रहने की कोशिश करें।

 

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