
भारतीय समाज में लडकी की परवरिश ऎसे माहौल में होती है कि उसके मन में सेक्स को लेकर डर बैठा होता है. पहली बार संभोग से कई तरह के मिथ जुडे हुए हैं. लोगों का ऎसा मनोविज्ञान है कि पहले सेक्स के समय में लडकियों को काफी दर्द होता है. इस दौरान ब्लीडिंग को लेकर भी अनेक तरह की भ्रांतियां हमारे समाज में मौजूद हैं.
संभोग करने की स्थिति से भी दर्द का कुछ नाता है ऎसे कुछ भ्रम लोगों के मन में अक्सर रहते हैं. कैसे आप इस दर्द से निजात पाकर सेक्स संबंधों का आनंद ले सकते हैं और अपने रिश्तों को सामान्य बना सकते हैं. संभोग के दौरान होने वाले दर्द को मेडिकल की भाषा में दाईस्पेरेनिया कहते हैं. यह ऎसा दर्द है जो एक बार होने पर बार-बार हो सकता है और इस दर्द का असर महिला-पुरूषों के रिश्ते पर बहुत बुरा पड़ता है.
क्यों होता है दर्द?: वास्तव में पहली बार सेक्स के समय महिलाओं को होने वाले दर्द का मुख्य कारण योनि का बहुत ज्यादा टाइट होना है. ऎसा तब होता है जब योनि की मांसपेशियां खिंच जाती हैं और उनमें सूजन आ जाती है. ऎसी स्थिति में संभोग के समय महिला को बहुत अधिक दर्द होता है. ऎसा उन महिलाओं यों के साथ होने की संभावना रहती है जो सेक्स संबंधों को बहुत बुरा मानती हैं और संभोग के समय पुरूष के साथ सहयोग नहीं करती. इसका मनोवैज्ञानिक असर ये होता है कि संभोग के समय योनि की मांसपेशिया सिकुड़ जाती हैं और तेज दर्द होता है.
योनि में किसी भी तरह का इंफेक्शन भी संभोग के समय दर्द का एक बहुत बडा कारण है. अक्सर योनि के आकार में परिवर्तन हो जाता है जिसे एंड्रियोमेट्रियोसिस कहते हैं. यदि आपको भी संभोग के दौरान दर्द होता है तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.