लड़के को अपनी दादी की आई इतनी याद की पंजाब से मालगाड़ी में बैठकर बिहार हुआ रवाना

यहां रहनेवाले 12 साल के किशोर को अपनी दादी की इतनी याद आई कि वह उससे मिलने वह मालगाड़ी में बैठकर बिहार रवाना हो गया। मालगाड़ी से वह लखनऊ तक ही पहुंच पाया और दो महीने तक वहां भटकता रहा। वहां किसी तरह बाल भलाई कमेटी के संपर्क में आने पर परिवार को उसके बारे में जानकारी मिली। इसके बाद फिरोजपुर के जिला उपायुक्‍त (डीसी) के प्रयास से वह वापस अपने परिवार के पास फिरोजपुर पहुंचा।

किशोर के पिता उदयशंकर कुमार मूल रूप से बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के रहने वाले हैं और फिरोजपुर में एक प्राइवेट स्कूल में शिक्षक हैं। उन्होंने बताया कि उनका बेटा 20 मार्च को अपनी दादी से मिलने के लिए घर से चला गया था। उसने इस बारे में घर में किसी को नहीं बताया। अचानक लापता हो जाने पर उसे ढूंढऩे का काफी प्रयास किया, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। बेटे के न मिलने पर उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी। लॉकडाउन की वजह से वह उसे कहीं ढूंढऩे नहीं जा पा रहे थे। घर के लोगों का बुरा हाल था। उदय शंकर के तीन बच्चे हैं, यह लड़ाक सबसे बड़ा है।

इसी बीच 27 मई को फिरोजपुर के डीसी कुलवंत सिंह को लखनऊ की बाल भलाई कमेटी से सूचना मिली कि उन्हें एक बच्चा मिला है। बच्चे की पहचान हो जाने पर डीसी कुलवंत सिंह ने तत्परता दिखाते हुए उसे लाने के लिए प्रशासन की एक ओर से एक कार व बाल भलाई विभाग के मुलाजिमों को रवाना किया। इसके बाद किशोर को फिरोजपुर लाया गया। लड़का करीब दो महीने तक लखनऊ में इधर-उधर भटकता रहा।

बच्चे को दिया चॉकलेट का बॉक्स

डीसी ने बच्चे को उनके परिजनों को सौंप दिया और बच्चे को एक चॉकलेट का बॉक्स भी दिया। उसे भविष्य में ऐसा न करने को भी कहा। बच्चे के पिता उदय शंकर कुमार ने डीसी का इस सहायता के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि दो महीने के बाद वह अपने बच्चे को वापस पाकर वह बेहद खुश हैं। दो महीने तक बच्चा कैसे और किस हाल में रहा, इस बारे में वह कुछ नहीं बता पा रहा है।

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