चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत ने सैनिकों की तैनाती बढ़ाई….

चीनी सेना ने एक बार फिर से भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना इस हरकत को रोक दिया. इस दौरान भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच टकराव भी देखने को मिला. जब मई के पहले सप्ताह में चीनी सेना गालवान नदी से भारत की ओर बढ़ रही थी, तभी भारतीय सेना अलर्ट हो गई थी और सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी थी.

सूत्रों ने आजतक को बताया कि चीनी सेना का इरादा भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करने और कैंप बनाने का था, लेकिन भारतीय सेना के आगे उसकी नहीं चल पाई. भारतीय सेना ने अपनी टुकड़ी को फौरन इलाके में तैनात कर दिया और चीनी सेना के मूवमेंट को रोक दिया. इससे चीनी सेना का गालवान घाटी क्षेत्र में भारतीय क्षेत्र के अंदर घुसपैठ का सपना नहीं पूरा हो पाया.

सूत्रों का कहना है कि चीनी सेना का टारगेट गालवान प्वाइंट के पास तक बनी सड़क थी. इस सड़क की वजह से भारतीय सेना गालवान घाटी इलाके में आसानी से आवाजाही कर पाती है. सूत्रों का कहना है कि सीमा से सटे भारत क्षेत्र में पिछले 2-3 साल से सड़क निर्माण किया जा रहा है, जिसके चलते चीन खुद को खतरा महसूस कर रहा है. चीनी सेना की यह ताजा घुसपैठ की कोशिश इसी का नतीजा है.

सूत्रों के मुताबिक जहां पर भारत सड़क निर्माण कर रहा है, उस इलाके में चीनी हेलिकॉप्टर भी उड़ते दिख चुके हैं. सीमावर्ती इलाके में भारत के सड़क निर्माण पर विवाद पैदा करने के मकसद से चीन अपने हेलिकॉप्टर भेजता आ रहा है. हालांकि चीन की इस हरकत पर भारत कड़ी आपत्ति भी दर्ज करा चुका है

आपको बता दें कि चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) और भारत के पूर्वी लद्दाख क्षेत्र के पास पांच हजार से ज्यादा सैनिकों को तैनात किया है. इसके बाद भारत ने भी चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है. हालांकि इस इलाके में साल 1967 के बाद भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच एक भी बार गोलीबारी नहीं देखने को मिली.

अभी पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गतिरोध जारी है. इस बीच सरकार ने गुरुवार को कहा कि चीन के साथ सीमा विवाद के शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत जारी है और याद दिलाया कि दोनों देशों ने सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं.

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