अवैध शराब से हमले के बाद दबाव में एक्‍शन में आई कैप्‍टन सरकार, कई डिस्‍टलरी छापे, 95 अफसरों को बदला

अवैध शराब के मामले पर चौतरफा घिरी पंजाब सरकार पर दबाव साफ दिखाई देने लगा है। आबकारी एवं कराधान विभाग ने विभिन्न डिस्टलरीज में व्यापक स्तर पर छापे मारे। इसके साथ ही विभाग ने 22 एक्साइज एंड टैक्सेशन अधिकारियों व 73 एक्साइज एंड टैक्सेशन इंस्पेक्टरों का तबादला कर दिया है।

शराब की अवैध बिक्री के मामले में प्रदेश सरकार पर बढ़ा दबाव

पंजाब सरकार पर पटियाला में अवैध शराब बनाने वाली फैक्टरी पकड़े जाने, चीफ सेक्रेटरी करण अवतार सिंह के बेटे की डिस्टलरी में हिस्सेदारी होने व कर्फ्यू के दौरान धड़ल्ले से अवैध शराब की बिक्री की जांच का खासा दबाव था। इस जांच में पूर्व कैबिनेट मंत्री व कपूरथला के विधायक राणा गुरजीत सिंह की डिस्टलरी भी शामिल है।

आबकारी एवं कराधान विभाग की कार्रवाई से मचा हड़कंप

वहीं, विभाग ने डिस्टलरी में तैनात इंस्पेक्टर व अधिकारियों के तबादले भी कर दिए हैं। पंजाब में लॉकडाउन व कर्फ्यू के दौरान हुई शराब की अवैध बिक्री का मामला सरकार के लिए गले की हड्डी बन गया है। शिरोमणि अकाली दल शराब की अवैध बिक्री की जांच सीबीआइ से करवाने की मांग कर रहा है। वहीं, कांग्रेस में भी इसे लेकर खासा दबाव था। इसे देखते हुए आबकारी एवं कराधान विभाग कि टीमों ने अमृतसर, तरनतारन, गुरदासपुर, पठानकोट, पटियाला और बठिंडा में स्थित डिस्टलरीज की जांच की।

शुक्रवार कोा आठ डिस्टलरीज की जांच हुई, जबकि बाकी सात में से कुछ की एक दिन पहले हुई थी। विभाग इसे एक रूटीन जांच बता रहा है। अधिकारियों का कहना है कि वित्तीय वर्ष की शुरुआत में यह जांच होती ही है। इस बार लॉकडाउन था, इसलिए इस बार जांच में देरी हुई है। जांच देर शाम तक चलती रही।

स्टॉक में गड़बड़ी

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विभाग को सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। कार्रवाई पूरी होने के बाद इसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी जाएगी। अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि किस डिस्टलरी में क्या खामियां पाई गई हैं, लेकिन सूत्रों के अनुसार कुछ डिस्टलरीज में मात्रा निर्धारित स्टॉक से कम है। सरकार पर डिस्टलरीज के मालिकों का भी दबाव है। क्योंकि इसमें से ज्यादतर राजनेताओं या उनके करीबियों की है।

सभी डिस्टलरीज के इंस्पेक्टरों व अफसरों का तबादला

अहम पहलू यह है कि विभाग ने सभी डिस्टलरीज के इंस्पेक्टर व ऑफिसर का तबादला कर दिया है। यह सब कुछ ऐसे समय में हुआ, जब कांग्रेस सरकार शराब की अवैध बिक्री के मामले पर विपक्ष और अपनों से घिरी है। मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार अमरिंदर सिंह राजा वडिंग़ ने चीफ सेक्रेटरी पर आरोप लगाया था कि उनके बेटे का डिस्टलरी में हिस्सा है।

वहीं, पिछले दिनों आबकारी नीति को लेकर ही कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, मनप्रीत बादल व चीफ सेक्रेटरी के बीच विवाद हो गया था। इसके बाद पूरी कैबिनेट ने चीफ सेक्रेटरी को उनके पद से हटाने की मांग कर दी थी। बाद में मुख्यमंत्री ने करण अवतार सिंह से आबकारी विभाग वापस लेकर ए. वेणु प्रसाद को दे दिया था।

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